यह ख़बर 09 मई, 2014 को प्रकाशित हुई थी

मंगल पर पहली बस्ती बसाने जाएंगे 44 भारतीय

नासा का क्यूरोसिटी मार्स रोवर (फाइल चित्र)

लंदन:

मंगल ग्रह की इस यात्रा को आप रोचक भी कह सकते हैं और अब तक की सबसे जोखिम वाली भी, क्योंकि एक तरफ जहां यह यात्रा पृथ्वीवासियों को पहली बार मंगल ग्रह की धरती पर पहुंचने का मौका देगी, वहीं वहां पहुंचने वाले दोबारा पृथ्वी नहीं लौटेंगे, बल्कि वहीं बस जाएंगे।

नीदरलैंड की एक गैर-मुनाफा वाले संगठन 'मार्स वन' ने 2024 में मंगल ग्रह की एकतरफा यात्रा की अपनी योजना के लिए 705 प्रत्याशियों में 44 भारतीयों को चयनित किया है। इसमें 17 महिलाएं भी शामिल हैं। अंतरिक्षयात्रा के लिए चयनित प्रत्याशियों को अब मार्स वन की एक चयन समिति के समक्ष साक्षात्कार देना होगा।

संगठन की योजना 2025 से मंगल ग्रह पर एक बस्ती बसाने की है। मार्स वन के मुख्य चिकित्साधिकारी नॉबर्ट क्राफ्ट ने एक बयान जारी कर कहा, प्रत्याशियों के चयन का दूसरा चरण शुरू करने के लिए हम बेहद उत्साहित हैं। इस चरण में हम इस साहसिक यात्रा के लिए तैयार हुए प्रत्याशियों को बेहतर तरीके से समझने की कोशिश करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि प्रत्याशियों को अपने ज्ञान, बुद्धिमत्ता, अनुकूलन क्षमता और व्यक्तित्व का परीक्षण देना होगा। मार्स की योजना 2024 में मंगल ग्रह पर चार उपनिवेश उतारने की है। मंगल पर बसने वाली इस बस्ती के लिए दुनियाभर से दो लाख लोगों ने आवेदन दिया था। मार्स वन ने दूसरे चरण के लिए दुनिया भर से 418 पुरुषों और 287 महिलाओं का चयन किया है। इसमें 313 व्यक्ति अमेरिका से, 187 यूरोप से, 136 एशिया से, 41 अफ्रीका से और 28 व्यक्ति ओसीनिया से हैं।


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