यह ख़बर 06 जून, 2013 को प्रकाशित हुई थी

'सर्जरी में मदद करते समय 90 प्रतिशत नर्स करती हैं मोबाइल फोन इस्तेमाल'

खास बातें

  • दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत करीब 90 प्रतिशत नर्स और 50 प्रतिशत ऑपरेशन थियेटरकर्मी ऑपरेशन के दौरान मदद करते समय मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हैं, जबकि 10 प्रतिशत चिकित्सक ऑपरेशन के दौरान अपने एसएमएस पढ़ते हैं।
नई दिल्ली:

दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत करीब 90 प्रतिशत नर्स और 50 प्रतिशत ऑपरेशन थियेटरकर्मी ऑपरेशन के दौरान मदद करते समय मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हैं, जबकि 10 प्रतिशत चिकित्सक ऑपरेशन के दौरान अपने एसएमएस पढ़ते हैं।

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) ने गत फरवरी से अप्रैल तक सर्वेक्षण किया, जिसमें दिल्ली के 87 चिकित्सकों के अलावा 25 नर्सों और ऑपरेशन थियेटरकर्मियों को भी शामिल किया गया। यह सर्वेक्षण मोबाइल इस्तेमाल से मनोवैज्ञानिक स्तर पर और व्यवहार में होने वाले बदलाव का पता लगाने के लिए किया गया था।

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एचसीएफआई अध्यक्ष केके अग्रवाल ने सर्वेक्षण के परिणामों का मसौदा जारी करते हुए कहा, लोग मोबाइल फोन खासकर स्मार्ट फोन से कैंसर के खतरे को लेकर चिंतित है जो अब भी विवादास्पद मुद्दा है। मोबाइल फोन के देर तक इस्तेमाल से गर्दन में दर्द, आंखों में नमी की कमी हो जाने, चिंता, भय और अनिद्रा की समस्या हो सकती है। अध्ययन के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल चिकित्सकों में 43 प्रतिशत चिकित्सक उस समय चिंता, दबाव और असुरक्षा की समस्या से जूझते हैं जब उनके पास उनका मोबाइल नहीं होता और इतने ही प्रतिशत चिकित्सकों को मोबाइल फोन खोने का डर बना रहता है।