यह ख़बर 04 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

दो दिन की बच्ची को ज़िन्दा दफना दिया नाना ने...

खास बातें

  • सीतापुर स्थित बीसीएम अस्पताल में पैदा होने के बाद लड़की को ज़िन्दा दफना दिए जाने का बेहद बर्बर और शर्मनाक किस्सा सामने आया है।
सीतापुर (उत्तर प्रदेश):

कन्या भ्रूणहत्या के किस्से हमारे मुल्क में जब-तब सुनने को मिलते रहते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के सीतापुर स्थित बीसीएम अस्पताल में पैदा होने के बाद लड़की को ज़िन्दा दफना दिए जाने का बेहद बर्बर और शर्मनाक किस्सा सामने आया है। पुलिस ने दो दिन की बच्ची को दफन कर दिए जाने के इस मामले में लड़की के नाना तथा दो अन्य परिजनों को गिरफ्तार कर लिया है। सीतापुर जिले के एसपी पीयूष मोरडिया ने बताया कि देवचंद्र की पुत्री संगीता देवी ने सिर्फ सात महीने के गर्भ के बाद 1 मई को जुड़वां लड़का-लड़की को जन्म दिया, जिनमें से लड़का मरा हुआ पैदा हुआ था, तथा लड़की भी बेहद कमज़ोर थी। इसके बाद जो हुआ, वह बेहद बर्बर है। देवचंद्र दोनों बच्चों को अस्पताल के बाहर ले गया, और मुर्दा लड़के के साथ-साथ लड़की को भी दफन कर दिया। उसके दो और परिजन भी उसकी इस हरकत में शामिल थे। पास ही खड़े शरीफ नामक टैक्सी ड्राइवर ने देवचंद्र की हरकत को देख लिया, और उसके जाते ही लड़की को खोदकर निकाल लिया, जो उस वक्त तक भी सांस ले रही थी। शरीफ बच्ची को तुरंत अस्पताल भी ले गया, लेकिन दुर्भाग्य से डॉक्टर उसे नहीं बचा सके। हालांकि देवचंद्र ने पूछताछ के दौरान पुलिस से कहा कि चूंकि लड़की भी बेहद कमज़ोर पैदा हुई थी, और उसे उसके ज़िन्दा रह पाने की कोई उम्मीद नहीं थी, इसलिए उसने मुर्दा लड़के के साथ-साथ उसे भी दफना दिया, जो उसकी गलती थी।


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