यह ख़बर 15 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

अब बरेली की पंचायत का तुगलकी फरमान, दलितों को मंदिर में प्रवेश से रोका

खास बातें

  • जिले में थाना विशारत गंज के सहसा गांव में पंचायत ने एक जाति विशेष के लोगों के लिए यह रोक लगाई है, जिससे दलित समाज के लोग काफी डरे-सहमे हुए हैं।
बरेली:

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक पंचायत ने अपने तुगलकी फरमान के तहत दलितों के मंदिर में पूजा करने पर रोक लगा दी है, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया है। आला अधिकारियो ने गांव में ही डेरा डाल रखा है, लेकिन उनकी लाख कोशिशो के बावजूद गांव के पंच मानने को तैयार नहीं हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक जिले के थाना विशारत गंज के सहसा गांव में पंचायत ने एक जाति विशेष के लोगों के लिए मंदिर में जाने पर रोक लगा दी है, और इस फरमान के बाद इलाके में दलित समाज के लोग काफी डरे-सहमे हुए हैं। पंचायत का फरमान है कि दलित वाल्मीकि जाति के लोग न इस मंदिर में पूजा करेंगे, न मंदिर की परिधि आसपास नजर आएंगे। पंचायत के मुताबिक इस जाति के लोगों के इस मंदिर में पूजा करने से मंदिर अपवित्र हो जाएगा।

पंचायत के इस फैसले की ख़बर जिला प्रशासन को लगते ही आला अधिकारी गांव में पहुंच गए, लेकिन फिलहाल उन्हें ऊंची जाति के लोगों को समझाने में कोई कामयाबी हासिल नहीं हुई है। गांव में ठाकुर जाति के लोगों की संख्या सर्वाधिक है।

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आला अधिकारियों ने पहुंचने के बाद पंचायत बुलाई, और दोनों समुदायों के बीच सुलह कराने की कोशिश की, लेकिन एकमत नहीं बन पाया। वैसे एहतियातन गांव के मंदिर में एक दरोगा और चार सिपाहियों की तैनाती कर दी गई है।