बच्चों में पोषण की कमी पूरी करेंगे दूध से बने चिप्स

प्रतीकात्मक चित्र

बरेली :

दूध पीने में आनाकानी करने वाले बच्चों की माताओं के लिए अच्छी खबर है। बरेली स्थित एक राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान ने दूध से बने चिप्स बनाने की तकनीक विकसित की है, जिसके बाद ऐसे बच्चों के शरीर में दूध से मिलने वाले पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सकेगा।

भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) द्वारा ईजाद की गई तकनीक से बनाए जाने वाले चिप्स की तकनीक, ऐसे उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को उपलब्ध करायी जाएगी और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में दुग्ध चिप्स बाजार में बिकते नजर भी आएंगे।

आईवीआरआई के निदेशक आर. के. सिंह ने बताया कि संस्थान ने दूध तथा उससे बनने वाले विभिन्न उत्पादों को लेकर अनेक शोध किए हैं। इसमें वसा निकालने के बाद बचे हुए दूध से भी कई किस्म की वस्तुएं तैयार करने की विधियां ईजाद की गई हैं। इन्हें जल्द ही सम्बन्धित निर्माता कंपनियों को उपलब्ध कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सबसे खास उत्पाद है दूध से बने चिप्स। अक्सर बच्चे दूध पीने में आनाकानी करते हैं। इससे उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी रह जाती है। अगर उन्हें दूध से बने चिप्स खिलाए जाए तो उनमें पोषक तत्वों की कमी की भरपाई की जा सकती है।

सिंह ने बताया कि अन्य चिप्स की तरह दूध के चिप्स भी बाजार में पैकेट में उपलब्ध हो सकेंगे। उन्हें तलकर या फिर माइक्रोवेव में सेंककर भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। ये चिप्स व्रत में भी उपयोग किए जा सकेंगे जो अपेक्षाकृत अधिक पोषण भी देंगे।

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उन्होंने बताया कि संस्थान ने कम वसा वाला पनीर बनाने की विधि भी विकसित की है। यह आम पनीर की ही तरह दिखाई देगा और इसका स्वाद भी आम पनीर जैसा ही होगा। सिंह ने बताया कि आईवीआरआई अपनी तकनीक को संबंधित कंपनियों तथा व्यवसायियों को उपलब्ध कराएगा ताकि लोगों को कम दामों में अधिक पोषक उत्पाद मिल सकें।