यह ख़बर 12 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

हिंद महासागर में अपना पहला सैन्य अड्डा स्थापित करेगा चीन

खास बातें

  • यह चीन का विदेश में पहला सैन्य अड्डा होगा और उसके इस कदम से भारत की चिंता निश्चित तौर पर बढ़ सकती है।
बीजिंग:

चीन ने सोमवार को ऐलान किया कि वह हिंद महासागर के सेशेल्स द्वीप पर अपना पहला सैन्य ठिकाना स्थापित करेगा ताकि उसकी नौसेना के लिए आवश्यक आपूर्ति और अन्य सुविधाएं मिल सकें। यह चीन का विदेश में पहला सैन्य अड्डा होगा और उसके इस कदम से भारत की चिंता निश्चित तौर पर बढ़ सकती है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने आज एलान किया कि इस सैन्य अड्डे के जरिए सेशेल्स अथवा दूसरे देशों के बंदगाहों पर आपूर्ति और सहायता अभियानों में भी मदद की जा सकती है। संयुक्त राष्ट्र समर्थित इंटरनेशनल सीबेड अथॉरिटी के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करके चीन पहले ही हिंद महासागर में अपना कदम रख चुका है। उसके इस अनुबंध का मकसद हिंद महासागर में पॉलीमेटलिक सल्फाइड अयस्क के उत्खनन का अधिकार हासिल करना था। चीन की ओर से अनुबंध पर इसी साल हस्ताक्षर किया गया था। इससे बीजिंग को हिंद महासागर में 10 हजार वर्गकिलोमीटर तक उत्खनन का अधिकार मिल गया है। जानकारों का मानना है कि सेशेल्स में सैन्य ठिकाना विकसित करने का चीन का कदम महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि चीन अपना पहला विमान वाहक पोत सामने लाने वाला है। फिलहाल इसका अंतिम दौर का परीक्षण चल रहा है। इस मामले पर चीन के रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि निकट के स्थानों के नौसेना के बेड़ों तक आपूर्ति सुनिश्चित करना एक दीर्घकालीन मिशन का हिस्सा है। इस अड्डे को स्थापित करने का फैसला चीन के रक्षा मंत्री जनरल लियांग गुआंगली की सेशेल्स की सद्भावना यात्रा के समय लिया गया था। यह यात्रा इस महीने की शुरुआत में हुई थी। चीन के रक्षा मंत्री की यात्रा के दौरान सेशेल्स के विदेश मंत्री जीन पॉल एडम ने कहा कि उनके देश ने बीजिंग को सैन्य अड्डा स्थापित करने के लिए निमंत्रित किया है।


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