यह ख़बर 22 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

चिन्दुस्तान: भारत-चीन मित्रता का नया नारा

खास बातें

  • चीनी और भारतीय छात्रों के बीच चीनी और हिन्दी भाषा सीखने की ललक तेजी से बढ़ रही है ताकि फूलते-फलते द्विपक्षीय व्यापार का लाभ उठा सकें।
बीजिंग:

हिन्दी-चीनी भाई-भाई के बाद चीनंडिया और अब भारत-चीन मित्रता का नया नारा हो गया है चिन्दुस्तान। चीनी और भारतीय छात्रों के बीच चीनी और हिन्दी भाषा सीखने की ललक तेजी से बढ़ रही है ताकि फूलते-फलते द्विपक्षीय व्यापार का लाभ उठा सकें। चीन में उच्च शिक्षा के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान पेकिंग विश्वविद्यालय में इन दिनों हिन्दी की बयार बह रही है क्योंकि देशभर के 100 से अधिक हिन्दी छात्र और प्राध्यापक परिसर में भारत दिवस मनाने के लिए जुटे हैं। पेकिंग विश्वविद्यालय के द. एशिया अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर जियांग जिंगकुई ने कहा, हिन्दी चीन के नौ विश्वविद्यालय में पढ़ाई जा रही है तथा छात्रों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। भारत में अगले साल से सीबीएसई के पाठ्यक्रम में चीनी भाषा शुरू की जाएगी जिससे हम चिन्दुस्तानी हो जाएंगे। जियांग ने कहा कि वह जब तमिलनाडु गए थे तो उन्होंने होटल के वेटरों से हिन्दी में बात करने को कहा और साथ ही यह धमकी दी थी कि यदि उन्होंने हिन्दी में बात नहीं की तो वह बिल का भुगतान नहीं करेंगे। उन्होंने हंसते हुए कहा कि यह तरकीब काम कर गई। कार्यक्रम में भाग लेने वाले कई चीनी छात्र इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि उन्हें व्यापारिक समूहों में नौकरी मिलेगी। इस उम्मीद का कारण दोनों देशों के बीच तेजी से बढ़ता द्विपक्षीय व्यापार है जो पिछले साल 61 अरब डॉलर को पार कर गया।


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