यह ख़बर 12 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

बॉस से दुखी होकर नौकरी छोड़ते हैं कर्मचारी : एसोचैम

खास बातें

  • ज्यादातर कर्मचारी बेहतर अवसर नहीं बल्कि अपने मौजूदा 'बॉस' से दुखी होकर नौकरी छोड़ते हैं। और तो और कर्मचारी पैसे से अधिक अच्छे कामकाजी माहौल को वरीयता देते हैं और एक खराब बॉस उनके मूड ही नहीं स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक सिद्ध हो सकता है।
नई दिल्ली:

ज्यादातर कर्मचारी बेहतर अवसर नहीं बल्कि अपने मौजूदा 'बॉस' से दुखी होकर नौकरी छोड़ते हैं। और तो और कर्मचारी पैसे से अधिक अच्छे कामकाजी माहौल को वरीयता देते हैं और एक खराब बॉस उनके मूड ही नहीं स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक सिद्ध हो सकता है।

उद्योग मंडल एसोचैम ने एक सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष निकाला है। इसमें कहा गया है, 'अपने मौजूदा बॉस से ऊबकर कर्मचारी नौकरी छोड़ रहे हैं या नौकरी बदल रहे हैं।' सर्वे में लगभग 70 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारी अपने बॉस या तात्कालिक प्रभारी के खराब रवैये की शिकायत करते हैं। इसमें 2500 कार्यकारियों ने भाग लिया।

इसमें शामिल अधिकतर भागीदारों ने कहा कि उनके लिए अच्छा कामकाजी माहौल भुगतान से अधिक महत्वपूर्ण है।

इसमें कहा गया है कि खराब बॉस अपने कर्मचारियों की स्वास्थ्य दिक्कतों का कारण बन सकते हैं।

सर्वेक्षण के अनुसार 62 प्रतिशत प्रतिभागियों ने अपने बॉस की आलोचना करते हुए अपने अपने बास को 'बदजबान' बताया है।

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एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा, 'कर्मचारियों तथा प्रबंधकों के सतर्क चयन का संगठन के कारोबार ही नहीं कर्मचारियों को बनाए रखने में भी बड़ी सकारात्मक भूमिका हो सकती है।'