खास बातें
- गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर मसले पर समाधान सुझाने के लिए नियुक्त तीन वार्ताकारों के वेतन और अन्य खर्च के मद में साल भर में करीब 70 लाख रुपये खर्च किए।
New Delhi: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर मसले पर समाधान सुझाने के लिए नियुक्त तीन वार्ताकारों के वेतन और अन्य खर्च के मद में साल भर में लगभग 70 लाख रुपये खर्च किए। कुल 69.80 लाख रुपये की राशि में से 52.36 लाख रुपये वेतन के मद में दिए गए। लगभग 12.31 लाख रुपये कार्यालय सहायता, 2.31 लाख रुपये हवाई किराया और 2.81 लाख रुपये सरकारी परिवहन के मद में खर्च हुए। इन वार्ताकारों की नियुक्ति 13 अक्टूबर, 2010 को की गई थी। एक आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में गृह मंत्रालय ने वार्ताकारों की रपट का खुलासा करने से इनकार कर दिया। तीन सदस्यीय वार्ताकारों में पूर्व सूचना आयुक्त एमएम अंसारी, पत्रकार दिलीप पडगांवकर और शिक्षाविद् राधा कुमार की नियुक्ति सरकार ने की थी। वार्ताकारों ने जिन मुद्दों पर सुझाव दिए, उनमें विवादास्पद सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून को समाप्त करना भी है। वार्ताकारों ने गृह मंत्री पी चिदंबरम को अपनी अंतिम रपट इस साल 12 अक्टूबर को सौंप दी थी। रपट पर सरकार विचार कर रही है। आरटीआई के जवाब में बताया गया कि राधा कुमार और पडगांवकर को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये हर महीने वेतन दिया गया, जबकि अंसारी को 1.43 लाख रुपये दिए गए। इनके दो सहायकों में से एक को 40 हजार रुपये और दूसरे को 25 हजार रुपये बतौर वेतन दिया गया। वार्ताकारों ने राज्य के विभिन्न जिलों में कई यात्राएं कीं। उन्होंने स्थानीय लोगों और राजनीतिक दलों से भी कश्मीर मसले के समाधान के लिहाज से बातचीत की।