यह ख़बर 19 फ़रवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

न्यूजीलैंड की अर्थव्यस्था में भारतीय छात्रों की भागीदारी अहम

खास बातें

  • न्यूजीलैंड के प्रवासी मामलों के मंत्री जोनाथन कोलमैन ने कहा कि शिक्षा और नौकरी के लिए भारतीय छात्रों में से 72 प्रतिशत को नौकरी मिल जाती है
वेलिंगटन:

न्यूजीलैंड में शिक्षा और फिर नौकरी पाने के लिए पहुंचने वाले विदेशी छात्रों में सबसे अधिक संख्या भारतीय छात्रों की है। यहां की अर्थव्यवस्था में भी उनका अहम योगदान है। इसके बाद चीनी छात्रों का स्थान आता है, जो शिक्षा और नौकरी के जरिए यहां की अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं। न्यूजीलैंड के प्रवासी मामलों के मंत्री जोनाथन कोलमैन ने शुक्रवार को कहा कि शिक्षा और नौकरी के लिए यहां पहुंचने वाले भारतीय छात्रों में से 72 प्रतिशत को नौकरी मिल जाती है, जबकि चीन के 43 प्रतिशत छात्रों को यहां नौकरी पाने में कामयाबी मिलती है। इसी तरह, 47 प्रतिशत भारतीय छात्रों को यहां स्थाई आवास मिल जाता है, जबकि चीनी छात्रों की संख्या इस मामले में 23 प्रतिशत है। श्रम विभाग के सर्वेक्षण के अनुसार शिक्षा के लिए यहां आने वाले विदेशी छात्रों में एक तिहाई पढ़ाई पूरी होने के बाद यहीं रह जाते हैं और देश की अर्थव्यवस्था एवं कार्यक्षमता में अहम योगदान देते हैं। गुणवत्तापूर्ण और सस्ती शिक्षा की दृष्टि से न्यूजीलैंड छात्रों के पसंदीदा स्थानों में से एक है। विदेशी छात्रों को अधिक से अधिक आकर्षित करने के लिए यहां की सरकार ने अंतरिम वीजा भी शुरू किया है, जिसके अनुसार आगे की पढ़ाई के लिए वीजा का आवेदन करने के दौरान भी छात्र पढ़ाई जारी रख सकेंगे। इससे नामांकन प्रक्रिया को और सरल बनाने में मदद मिलेगी।


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