यह ख़बर 03 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

लोक सेवा परीक्षा में केरल की छात्रा अव्वल

खास बातें

  • केरल का कोई अभ्यर्थी 1991 के बाद पहली बार लोक सेवा परीक्षा में अव्वल रहा है। यही नहीं दूसरा और चौथा स्थान भी केरल ने ही झटका है।
तिरुवनंतपुरम:

केरल का कोई अभ्यर्थी 1991 के बाद पहली बार लोक सेवा परीक्षा में अव्वल रहा है। यही नहीं दूसरा और चौथा स्थान भी केरल ने ही झटका है।

अखिल भारतीय सूची में प्रथम स्थान पर रही हरिथा वी. कुमार। दूसरे स्थान पर रहे वी. श्रीराम और चौथे स्थान पर रहे पेशे से चिकित्सक एल्बी जॉन वर्गीज।

हरिथा कुमार के लिए यह चौथी और आखिरी कोशिश थी। वह अभी दिल्ली के निकट फरीदाबाद में भारतीय राजस्व अधिकारी (आईआरएस) का प्रशिक्षण ले रही हैं। वह पेशे से इंजीनियर हैं। उन्होंने कहा, "पहली कोशिश में मैं सफल नहीं रही। दूसरी कोशिश में मुझे 179वां स्थान मिला और मैं भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुनी गई। लेकिन मैंने आईआरएस चुना। तीसरी कोशिश में मुझे 290वां स्थान मिला। और इस बार मुझे वह मिल गया, जिसकी मुझे तलाश थी। मैं दिल से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी बनना चाहती थी।"

परीक्षा में वैकल्पिक विषय के रूप में उन्होंने अर्थशास्त्र और मलयालम भाषा का चुनाव किया था। चौथे स्थान पर रहे वर्गीज एर्नाकुलम जिले में केरल सरकार की सेवा में चिकित्सा अधिकारी हैं।

वर्गीज ने कहा, "यह मेरी पहली कोशिश थी। मैंने पिछले साल जनवरी में तैयारी शुरू की थी। वैकल्पिक विषयों के रूप में मैंने मेडिसीन और मलयालम लिया था। इस परीक्षा में रटने से कुछ हासिल नहीं होता है। कड़ी मेहनत से ही मैंने अपने बचपन के सपने को साकार किया है।"

1991 में प्रथम स्थान पर रहे और अभी केरल में नौकरशाह राजू नारायण स्वामी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि यह धारणा टूटी है कि केरल के छात्र लोक सेवा परीक्षा में बेहतर स्थान हासिल नहीं कर सकते।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

स्वामी ने कहा, "इस बार केरल का प्रदर्शन बेहतरीन है। यह उन लोगों को करारा जवाब है, जो यह सोचते हैं कि केरल के छात्र इस परीक्षा में बेहतर नहीं कर सकते हैं।"