यह ख़बर 08 फ़रवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

78 साल बाद एक हुए मिथिलांचल के दो हिस्से

खास बातें

  • सुपौल जिले में कोसी नदी पर बने चार लेन वाले महासेतु के उद्घाटन के साथ 78 साल से कटे हुए मिथिलांचल के दो हिस्सों के बीच फिर से सड़क संपर्क स्थापित हो गया।
निर्मली (सुपौल):

बिहार के सुपौल जिले में कोसी नदी की मुख्यधारा पर बने चार लेन वाले महासेतु के उद्घाटन के साथ बीते 78 साल से कटे हुए मिथिलांचल के दो हिस्सों के बीच फिर से सड़क संपर्क स्थापित हो गया। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री सीपी जोशी ने 431 करोड रुपये की लागत से बने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 57 पर चार लेन वाले 1.87 किलोमीटर लंबे सड़क पुल और सात किलोमीटर सड़क का शुभारंभ किया। इस पुल का निर्माण सुपौल के निर्मली और सरायगढ़ गांव के बीच हुआ है और यह पूर्व से पश्चिम तक जाने वाले गलियारे (असम के सिल्चर से गुजरात के पोरबंदर) का हिस्सा होगा।

वर्ष 1934 में आए विनाशकारी भूकंप के कारण इस क्षेत्र में बना संपर्क पुल ध्वस्त हो जाने के बाद क्षेत्र में सड़क संपर्क टूट गया था। अंतरराष्ट्रीय कंस्ट्रक्शन कंपनी ‘गैमन इंडिया’ द्वारा निर्मित इस पुल के उद्घाटन के बाद निर्मली कॉलेज में एक सभा में जोशी ने कहा, ‘‘विद्यापति की धरती पर यह एक ऐतिहासिक दिन है। यह पुल और सड़क मार्ग बिहार की प्रगति में योगदान करेगा, जिससे देश की भी प्रगति होगी।’’

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास कार्य की तारीफ करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘संघीय व्यवस्था के तहत राज्य के मुख्यमंत्री जिस खूबसूरती से विकास कार्य को अंजाम दे रहे हैं। वह काबिले तारीफ है। प्रदेश का विकास संघीय व्यवस्था के आधार पर ही हो सकता है।’’

इस महासेतु का शिलान्यास, 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। जोशी ने कहा, ‘‘एक प्रधानमंत्री ने इसका शिलान्यास किया और विकास पर बल देने वाले दूसरे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में यह पूरा हो गया है। केंद्र और बिहार सरकार इसी प्रकार मिलकर विकास कार्य को तेजी से पूरा करेंगे।’’ जोशी ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र के विकास के लिए जो सपना देखा था वह पुल के निर्माण के रूप में साकार हो रहा है। भारत सरकार ने अपने सीमित संसाधनों के बीच सार्वजनिक निजी भागीदारी की नीतियों पर चलकर इस पुल को पूरा किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में 2300 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं, जिनके विकास के लिए केंद्र की ओर से 15 हजार करोड़ रुपये अधिक खर्च किए जा रहे हैं। इससे बिहार के विकास की कल्पना साकार हो सके।’’ मंत्री ने कहा कि बिहार के विकास के लिए सड़क मार्ग का बहुत महत्व है। सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से विकास होता है और क्षेत्र में कई प्रकार के परिवर्तन होते हैं। हम सब मिलकर प्रयास करेंगे कि इलाके के लोग आर्थिक प्रगति और राष्ट्र के विकास में योगदान दे। क्षेत्र के लोगों का जीवन सुखी और संपन्न बने।

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उन्होंने कहा, ‘‘बिहार का अभी सकल घरेलू उत्पाद दर (जीडीपी) 10 फीसदी है और इस दर को बनाए रखने के लिए कृषि का विकास जरूरी है और कृषि की विकास दर को बढ़ा सकता है। कोसी का यह इलाका कृषि विकास की अपार संभावनाओं वाला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भागलपुर में बाईपास और डुमरी पुल को जल्द पूरा करने के लिए 2012-13 में हम वित्तीय गति प्रदान करेंगे। इस पुल के साथ जोड़ने के लिए सुपौल में 25 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य में केंद्रीय मंत्रालय मदद देगा।’’