यह ख़बर 04 अगस्त, 2013 को प्रकाशित हुई थी

अब विश्वविद्यालय में होगी प्यार की पढ़ाई

खास बातें

  • पश्चिम बंगाल की राजधानी में स्थित प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय में आने वाले साल में विद्यार्थी प्यार जैसे गूढ़ विषय को पढ़ाई के लिए चुन सकेंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति ने रविवार को कहा कि यह पाठ्यक्रम नए बहुविषयक अध्ययन कार्यक्रम का ही एक भाग है।
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की राजधानी में स्थित प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय में आने वाले साल में विद्यार्थी प्यार जैसे गूढ़ विषय को पढ़ाई के लिए चुन सकेंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति ने रविवार को कहा कि यह पाठ्यक्रम नए बहुविषयक अध्ययन कार्यक्रम का ही एक भाग है।

प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय की कुलपति मालविका सरकार ने बताया, "प्यार पर नया कोर्स आगामी सत्र में जनवरी से शुरू होगा और समाजशास्त्रीय निहितार्थ से इस कोर्स का तालमेल रहेगा।"

मालविका ने कहा, "समाजशास्त्र विभाग में ही यह कोर्स पढ़ाया जाएगा। इसमें प्रमुख रूप से प्यार के सैद्धांतिक पहलुओं को समझाया जाएगा।"

विश्वविद्यालय ने मुख्य विषयों से इतर छात्रों को विविध विषयों में प्रवेश देने की पहल जुलाई से ही शुरू कर दी है। इस तरह यह अंत:विषयक पाठ्यक्रम पेश करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है।

इस पाठ्यक्रम के तहत विज्ञान का छात्र उदार कला विषयों का रसास्वादन कर सकेगा और मानविकी में डूबे रहने वाले छात्र विज्ञान को अपना सकेंगे।  

विश्वविद्यालय में भौतिकी विभाग के अध्यक्ष सोमक रायचौधरी ने कहा, "देश में यह इस तरह का पहला प्रयास है। एक पारंपरिक भारतीय विश्वविद्यालयी शिक्षा तंत्र में ऑनर्स के विद्यार्थियों के लिए दो पास विषय लेने जरूरी होते हैं, हम इन दो विषयों में विकल्पों की पेशकश करेंगे।" उन्होंने बताया, अक्सर देखा गया है कि विद्यार्थी पास विषयों को संजीदगी से नहीं लेते हैं, इसी के चलते दो शाखाओं को निकट लाने का निर्णय लिया गया।

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वह समझाते हैं, "छात्रों पर पास विषय थोपने के बजाय हमने उन्हें अलग-अलग करने का निर्णय लिया और 10 पेपरों की सूची बनाई है। ऑनर्स के विद्यार्थियों को 10 पेपर लेने हैं जबकि विज्ञान के छात्र को कम से कम दो आर्ट्स के पेपर लेने होंगे। मानविकी के छात्र के लिए यह ठीक उलट होगा।" प्राध्यापक ने कहा "नया कोर्स हर एक के लिए खुला है।"