रक्षा बंधन पर महेश को मिल गई पांच साल पहले खोई हुई बहन

रक्षा बंधन पर महेश को मिल गई पांच साल पहले खोई हुई बहन

प्रतीकात्मक फोटो

जयपुर:

नमक उत्पादन के लिए मशहूर नांवा कस्बे के महेश की खुशी का ठिकाना कल उस समय नहीं रहा जब पांच साल पहले मेले में खोई उसकी बहन ‘ममता’ रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर उसे मिल गई। ममता ने आज अपने भाई महेश को राखी बांधी और मुंह मीठा कराया।

ममता अपने परिजनों से मिलकर खुश तो हुई लेकिन जब उसे पता चला कि उसके पिता इस दुनिया में नहीं है तो वह दुखी हो गई। पुलिस के अनुसार जयपुर से करीब 105 किलोमीटर दूर नागौर जिले के नांवा कस्बे की ममता जब नौ साल की थी तो उसे बालाजी के मेले के दौरान एक साधु उठाकर ले गया था। पुलिस की मदद से ममता कल अपने परिजनों के पास पहुंच गई।

नांवा थाना पुलिस के प्रहलाद सिंह ने शनिवार को बताया कि वर्ष 2010 में बालाजी के मेले के दौरान खोई ‘ममता’ को जांच पड़ताल के बाद परिजनों को सौप दिया गया है। उन्होंने बताया कि ममता को बाल सुधार गृह अजमेर से लाकर परिजनों के सुपुर्द किया गया।

ममता के चाचा ने फोन पर ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि पिछले दिनों समाचार पत्र में एक बाबा के कब्जे से मुक्त कराए गए बच्चों की फोटो थी, उनमें से ममता एक थी। उन्होंने कहा कि 'पुलिस से मिलकर ममता को लाने के प्रयास शुरू किए। अंततः कल ममता हमें मिल गई। हम सभी बहुत खुश हैं, ममता भी अपने परिजनों से मिलकर खुश है।'

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चाचा ने कहा कि महेश को राखी के दिन अपनी खोई हुई बहन मिल गई है। उन्होंने कहा कि ममता के खोने के पांच महीने बाद ही उसके पिता का निधन हो गया था।