Click to Expand & Play
खास बातें
- देश ने बड़े पैमाने पर गैर-कानूनी तरीके से फोन टैपिंग ने सरकार की नींद उड़ा दी है। इसके लिए जिस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है वह है ऑफ एयर जीएसएम मॉनिटरिंग।
नई दिल्ली: देश ने बड़े पैमाने पर गैर-कानूनी तरीके से फोन टैपिंग ने सरकार की नींद उड़ा दी है। इसके लिए जिस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है वह है ऑफ एयर जीएसएम मॉनिटरिंग। यह खासतौर से विरोधियों की जासूसी का एक बेहद खुफिया जरिया बन गया है। इससे कोई नेता चुनावों के समय अपनी विरोधी पार्टी की रणनीति का पहले ही पता लगा सकता है जैसे चुनाव प्रचार की तारीख अहम उम्मीदवारों के नाम कहां कितना पैसा खर्च होगा वगैरह-वगैरह। वहीं कोई कॉरपोरेट घराना अपनी विरोधी कंपनी की योजनाओं का पता लगाकार बाजार में उसे झटका दे सकता है।
सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय और टेलीकॉम मंत्रालय को शक है कि यह डिवाइस खरीदने वालों में बड़े कॉरपोरेट घराने भी हैं और राजनीतिक पार्टियों से जुड़ी जासूसी एजेंसियां भी। यहां तक कि सरकारी एजेंसियां भी जिन्हें फोन टैप कराने का हक नहीं है। आज सिर्फ गूगल सर्च से जाना जा सकता है कि ऐसे जीएसएम मॉनीटर कहां मिलेंगे। इनकी कीमत 80 लाख से 3 करोड़ तक के बीच पड़ती है। और इनकी तस्करी मुश्किल भले हो नामुमकिन बिलकुल नहीं है। जीएसएम मॉनिटर की खासियत है कि ये ग्लू बग या टेप की तरह कोई निशान नहीं छोड़ते और जासूसी रोकने वाले सिस्टम की पकड़ में नहीं आते। इस खतरनाक वायरस का अब तक तो कोई इलाज नहीं है।
इसके के लिए एक ताकतवर एंटिना की जरूरत होती है। ये एक लैपटॉप के साइज का होता है। एक बार स्विच ऑन हुआ तो 5 किमी तक की रेंज में किसी भी फोन पर हो रही बातचीत को टैप कर सकते हैं। इसके साथ ही इस सिस्टम ट्रेस नहीं किया जा सकता क्योंकि यह एक रेडियो या किसी सुनने वाली डिवाइस की तरह काम करता है लेकिन जिस बात ने इस डिवाइस को और खतरनाक बना दिया है वह यह है कि सरकार को 2010 तक अंदाजा भी नहीं था कि आखिर यह समस्या कितनी बड़ी है। पिछले तीन सालों में ही 1100 जीएसएम मॉनिटरिंग साधारण लाइसेंस पर मंगाए गए हैं।
खुफिया तरीके से हो रही इस फोन टैपिंग को लेकर सरकार ने चेतावनी जारी की है। सरकार ने कहा है कि कुछ लोग और कंपनियां जिनमें सार्वजनिक कंपनियां, निजी दुकानदार और सरकारी एजेंसियां भी शामिल हैं बिना अधिकार के कम्युनिकेशन मॉनिटर नेटवर्क लगा और चला रहे हैं जिन लोगों ने ऐसे उपकरण मंगाए खरीदे या लगाए हैं उन्हें निर्देश दिया जाता है कि वह फौरन इनका ब्यौरा दें लेकिन अब तक कोई सामने नहीं आया है और शायद आगे भी सामने ना आएं।