यह ख़बर 25 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

मुंहासे को ठीक करेगा जोंक

खास बातें

  • बीएचयू आयुर्वेद संकाय के चिकित्सकों ने चेहरे की खूबसूरती बिगाड़ने वाले मुहासों के इलाज के लिए जोंक का इस्तेमाल किया है और इसके शुरुआती परिणाम उत्साहजनक हैं।
वाराणसी:

बीएचयू आयुर्वेद संकाय के चिकित्सकों ने चेहरे की खूबसूरती बिगाड़ने वाले मुहासों के इलाज के लिए जोंक का इस्तेमाल किया है और इसके शुरुआती परिणाम उत्साहजनक हैं। जोंक से मुंहासे का इलाज कर रहे चिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ ओपी सिंह ने बताया कि इलाज के अंतर्गत रोगी को कुछ रक्तशोधक दवाएं देने के साथ प्रभावित स्थान पर जोंक लगाया जाता है। एक हफ्ते में एक से दो जोंक लगाए जाते हैं और एक माह के भीतर ही रोगी को काफी राहत मिल जाती है। वस्तुत: जोंक प्रभावित स्थान से गंदा खून चूस लेता है। इससे प्रभावित स्थान की नलिकाएं खुल जाती हैं और रक्त का प्रवाह तेज हो जाता है। इसके अलावा जोंक के लार में सूजन कम करने वाले बायो एक्टिव सब्स्टेंस होते हैं, जो मुंहासे ठीक करने में सहायक होते हैं। डॉ सिंह ने बताया कि आयुवेंद में 'मुख दूषिका' और 'युवान पीडिका' नाम से प्रचलित मुंहासे प्राय: किशोरावस्था से 25 वर्ष तक के युवाओं में देखने को मिलते हैं। खान-पान में अनियमितता इस बीमारी की मुख्य वजह होती है। इसके कारण सिबेसियस ग्लैंड में संक्रमण हो जाता है, जो मुंहासे में तब्दील हो जाता है। मुंहासे गालों के अलावा गर्दन, छाती और पीठ पर भी हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस विधि से 20-25 मरीजों का इलाज किया जा चुका है और इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। देखा गया कि एक सप्ताह में ही 50 फीसदी मुंहासे समाप्त हो गए। इस विधि से गंजापन, गठिया, फीलपांव, सोरियासिस और एक्जिमा का भी इलाज संभव है।


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