यह ख़बर 07 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छीनना चाहता है संप्रग : मोदी

खास बातें

  • नरेन्द्र मोदी ने साइबर जगत में लिखी जाने वाली बातों की निगरानी से जुड़े संप्रग सरकार के कदम की कटु आलोचना करते हुए कहा कि यह संविधान से मिली अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को छीनने की कोशिश है।
अहमदाबाद:

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साइबर जगत में लिखी जाने वाली बातों की निगरानी से जुड़े संप्रग सरकार के कदम की कटु आलोचना करते हुए बुधवार को कहा कि यह संविधान से मिली अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को छीनने की कोशिश है। इंटरनेट साइटों पर आक्रामक और अपमानजनक सामग्री को रोके जाने के केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के संकल्प के एक दिन बाद मोदी ने ट्विटर पर कहा, बाबा साहेब अंबेडकर ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को संविधान में शामिल किया और उनके निर्वाण दिवस (छह दिसंबर) के दिन संप्रग ने इसे छीनने की बात कही। लोग सबसे अच्छे न्यायाधीश हैं। गौरतलब है कि सिब्बल ने मंगलवार को कहा था कि यदि सोशल नेटवर्किंग साइट आपत्तिजनक सामग्री को रोकने में सहयोग नहीं करते हैं तब यह सरकार का कर्तव्य है कि ऐसे कदम उठाने के बारे में सोचे, जिन्हें उठाए जाने की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने इस बात जिक्र किया था कि सरकार प्रेस की स्वतंत्रता में दखलंदाजी नहीं करना चाहती है। पिछले कुछ हफ्ते के दौरान गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और याहू के अधिकारियों के साथ की गई सरकार की बैठक के मद्देनजर यह घोषणा की गई। गौरतलब है कि खासतौर पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बारे में अपमानजनक सामग्री इंटरनेट पर जारी की गई थी।


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