यह ख़बर 20 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

इंटरनेट से पता कीजिए कहां तक पहुंची ट्रेन

खास बातें

  • आईआईटी कानपुर द्वारा तैयार सिमरन (सैटेलाइट इमेजिंग फॉर रेल नेविगेशन) प्रणाली के जरिए इंटरनेट पर ट्रेन की स्थिति का पता चल सकेगा।
कानपुर:

रेल नेविगेशन से संबंधित आईआईटी कानपुर की महत्वाकांक्षी परियोजना सिमरन के इस्तेमाल से किसी भी ट्रेन की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल करना संभव होगा। इसे प्रयोग के तौर पर फिलहाल 12 प्रमुख रेलगाड़ियों में लगाया गया है। आईआईटी, कानपुर द्वारा तैयार सिमरन (सैटेलाइट इमेजिंग फॉर रेल नेविगेशन) प्रणाली के जरिए इंटरनेट पर ट्रेन की स्थिति का पता चल सकेगा। रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने बुधवार को दिल्ली में आधिकारिक तौर पर इस परियोजना की शुरुआत की। प्रयोग के तौर पर अभी इसे 12 महत्वपूर्ण ट्रेन में लगाया गया है और गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद अगले छह महीने में देश की लगभग सभी ट्रेन में इसे स्थापित कर दिया जाएगा। आईआईटी के निदेशक प्रो संजय गोविंद धांडे ने बताया कि रेलवे ने सुरक्षा कारणों से इस परियोजना को सभी ट्रेन में लगाने से पहले गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी है। हालांकि धांडे के अनुसार इससे रेलवे की सुरक्षा को कोई खतरा होने की गुंजाइश न के बराबर है। इस प्रणाली के अंतर्गत ट्रेन में एक जीपीआरएस उपकरण लगाया जाएगा, जो रेलवे के मास्टर सर्वर से जुड़ेगा। हर स्टेशन पर डिस्पले बोर्ड से ट्रेन की ताजा स्थिति का पता चलता रहेगा। लोगों को घर बैठे इंटरनेट से मालूम हो सकेगा कि फलां ट्रेन इस समय कहां है। मोबाइल फोन पर एसएमएस से भी यह जानकारी मिल सकेगी। धांडे ने बताया कि 2005 में रेल संरक्षा प्रौद्योगिकी मिशन के तहत आरडीएसओ (रेलवे डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन) लखनऊ के सहयोग से संस्थान को रेलवे की 12 परियोजनाएं मिली थीं, जिनमें से एक सिमरन भी थी। यह प्रोजेक्ट 2010 में पूरा हुआ।


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