यह ख़बर 19 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

एसएमएस की आदत युवाओं को बना रही है बीमार

खास बातें

  • भारत के 60 प्रतिशत मोबाइल उपयोक्ता युवा अपने समूह में संवाद के लिए दिन भर में औसतन 125 एसएमएस भेजते हैं या पाते हैं, लेकिन इस कारण उनमें इंसोमेनिया, विषाद, भूख में कमी, एकाकीपन जैसी स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिली हैं।
New Delhi:

मोबाइल फोन पर एसएमएस करते रहने की आदत युवाओं को बीमार बना रही है। उद्योग संगठन एसोचैम ने एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला है। इसमें कहा गया है कि दूरसंचार कंपनियों की विभिन्न पैकेज या योजनाओं में सस्ती दरों पर एसएमएस करने की सुविधा से यह युवाओं का पसंदीदा संवाद माध्यम भले ही बन गया हो, लेकिन इससे उनमें अनेक स्वास्थ्य दिक्कतें भी फैल रही हैं। अध्ययन में पाया गया है कि टेक्स्ट मैसेजिंग (एसएमएस) देश के ज्यादातर युवाओं का संवाद का पसंदीदा तरीका है। इसके अनुसार भारत के 60 प्रतिशत मोबाइल उपयोक्ता युवा अपने समूह में संवाद के लिए दिन भर में औसतन 125 एसएमएस भेजते हैं या पाते हैं, लेकिन इस कारण उनमें इंसोमेनिया, विषाद, भूख में कमी, एकाकीपन जैसी स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिली हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की गतिविधियों में लंबे समय तक लगे रहने पर ब्रेन ट्यूमर सहित कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।


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