यह ख़बर 01 फ़रवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

मां का साथ मिलने से तेज होता है बच्चे का दिमाग

खास बातें

  • जीवन में तनाव अथवा दुख की घड़ी के समय जिन बच्चों को मां का समर्थन मिलता है, बाद में उनका मस्तिष्क भी तेज होता है।
लंदन:

जीवन में तनाव अथवा दुख की घड़ी के समय जिन बच्चों को मां का समर्थन मिलता है, बाद में उनका मस्तिष्क भी तेज होता है। वाशिंगटन विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि जिन बच्चों के बचपन में माताएं अधिक ध्यान देती हैं और सुख-दुख की घड़ी में उनके साथ होती हैं, उनके मस्तिष्क में याददाश्त और भावनाओं में मुख्य भूमिका निभाने वाला क्षेत्र हिप्पोकेम्पस की स्नायु कोशिकाएं अधिक विकसित होती हैं।

अध्ययन में हालांकि यह साबित नहीं हुआ कि माता के व्यवहार से मस्तिष्क के आकार में सुधार आता है, लेकिन यह संकेत मिला कि बच्चे का साथ निभाना उसके मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अध्ययन में 92 बच्चों पर स्कूल जाने से पहले से लेकर ग्रेड स्कूल तक अध्ययन किया गया।

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मस्तिष्क के स्कैन से पता लगा कि जिनके माता-पिता ने तनाव कम करने में अधिक साथ बच्चों का दिया उनका हिप्पोकेम्पी अधिक बड़ा निकला। साथ ही जिन बच्चों में अवसाद के लक्षण जल्द पाए गए उनमें इसका प्रभाव काफी कम देखा गया। इसका अर्थ हुआ कि उन्हें मां का अधिक समर्थन नहीं मिला। 'प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल अकादमी ऑफ साइंसेज' में प्रकाशित अध्ययन के अगुआ प्रोफेसर जान लुबे के अनुसार, ‘‘हमारा मानना है कि यह नतीजा जन स्वास्थ्य प्रभाव को दर्शाता है और इस बात पर जोर देता है कि शुरू के जीवन में बच्चे पर ध्यान देना सार्थक सामाजिक निवेश है।’’