यह ख़बर 07 अगस्त, 2013 को प्रकाशित हुई थी

देशभर के शहरों में अब सिर्फ 5.31 करोड़ गरीब हैं...

खास बातें

  • शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री गिरिजा व्यास ने लोकसभा में कहा, "वर्ष 2004-05 में देश के शहरी क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले लोगों की संख्या 8.14 करोड़ थी, जो 2011-12 में घटकर 5.31 करोड़ रह गई है।"
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार की मानें तो देशभर के शहरों में रहने वाले गरीबों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है और अब इन शहरी क्षेत्रों में सिर्फ 5.31 करोड़ ही गरीब लोग रह गए हैं।

लोकसभा में डॉ संजय सिंह, पुतुल कुमारी, लक्ष्मण टुडु और निखिल कुमार चौधरी के प्रश्न के लिखित उत्तर में शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री गिरिजा व्यास ने यह जानकारी देते हुए कहा है, "वर्ष 2004-05 में देश के शहरी क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले लोगों की संख्या 8.14 करोड़ थी, जो 2011-12 में घटकर 5.31 करोड़ रह गई है।"

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, आंध्रप्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 17 लाख, अरुणाचल प्रदेश में 70,000, असम में 9.20 लाख, बिहार में 37.80 लाख, छत्तीसगढ़ में 15.20 लाख, दिल्ली में 16.50 लाख, गुजरात में 26.90 लाख, हरियाणा में 9.40 लाख, झारखंड में 20.20 लाख, कर्नाटक में 37 लाख, केरल में 8.50 लाख, मध्य प्रदेश में 43.10 लाख, महाराष्ट्र में 47.40 लाख, राजस्थान में 18.70 लाख, ओडिशा में 12.40 लाख, उत्तर प्रदेश में 1.18 करोड़ लोग शहरी इलाकों में गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर कर रहे हैं।

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केंद्रीय शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री गिरिजा व्यास ने कहा कि योजना आयोग की ओर से तैयार किया गया गरीबी रेखा का अनुमान सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय द्वारा परिवार उपभोक्ता व्यय संबंधी सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किया जाता है।