कराची के ये भाई कहलाते हैं 'पायथन ब्रदर्स', घर में हैं 100 से भी ज़्यादा सांप

कराची के ये भाई कहलाते हैं 'पायथन ब्रदर्स', घर में हैं 100 से भी ज़्यादा सांप

अगर कभी सुनते हैं कि किसी के घर में सांप घुस आया, तो डर के मारे रोंगटे खड़े हो जाते हैं, लेकिन सोचिए, अगर हम आपको बताएं कि पाकिस्तान के इन दो युवकों के घर में 100 से भी ज़्यादा सांप रहते हैं, तो आप क्या कहेंगे... इन दोनों भाइयों हमज़ा और हसन हुसैन का कहना है कि सांपों के प्रति उनका लगाव बच्चों की कार्टून सीरीज़ 'जंगल बुक' देखने के बाद जागा...

20-वर्षीय हमज़ा के अनुसार, "हम किशोरावस्था में थे, जब हमने यह शौक पाला... मैं 'जंगल बुक' के 'ग्रीन बोआ' को बेहद पसंद करता था, और आखिरकार हमने एक सांप खरीद लिया... फिर धीरे-धीरे उनके प्रति हमारा लगाव बढ़ता चला गया..."

----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- -----
देखें वीडियो
----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- -----

1,500 रुपये में खरीदा था पहला सांप
मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे 22-वर्षीय बड़े भाई हसन ने पहला सांप - एक रेतीला बोआ - किसी स्थानीय पशु विक्रेता से 15 पाउन्ड (लगभग 1,507 भारतीय रुपये - आज की कीमत के अनुसार) में खरीदा था... उसने बताया, "ईद के दौरान पहले हम गाय और बकरियां घर लाया करते थे... फिर मैंने कुछ कबूतर खरीदे... कुछ वक्त के बाद मैंने एक मगरमच्छ पाला था, और फिर हमें सांपों के बारे में जानकारी मिली..."

कुछ ही महीने बाद उन्होंने छह-फुट लंबा इंडियन रॉक पायथन 150 पाउन्ड (लगभग 15,075 भारतीय रुपये - आज की कीमत के अनुसार) में खरीद लिया... अब उस बात को पांच साल बीत चुके हैं, और अब उनके घर में 100 से भी ज़्यादा सांप रहते हैं, जिनमें अल्बाइनो पायथन जैसी प्रजातियां भी शामिल हैं... इन भाइयों ने बताया, "जब हमने सांप पालना शुरू किया था, हमारे बहुत-से पड़ोसियों ने डर की वजह से हमारे खिलाफ शिकायतें दर्ज करवाई थीं... हम रिहायशी इलाके में रहते हैं, सो, हमें काफी सावधान रहना पड़ता है कि सांप किसी भी कीमत पर हमारे घर की चारदीवारी से बाहर न निकल पाएं..."

अब कहलाते हैं 'पायथन ब्रदर्स'
लेकिन अब पाकिस्तान के कराची शहर में वे 'वाइल्डलाइफ स्टार' के तौर पर मशहूर हो चुके हैं, और लोग दूर-दूर से उनके घर पहुंचते हैं, ताकि इन 'असाधारण पालतू प्राणियों' को देख सकें... वैसे, अब हमज़ा और हसन को एक नया नाम भी दिया गया है - 'पायथन ब्रदर्स'...

इन भाइयों ने पालने के लिए अमेरिकी शहर ओकलाहोमा से 16 अजगर भी आयात किए हैं, जिनमें पाकिस्तान का सबसे बड़ा अजगर भी शामिल है... यह एक मादा हेत अल्बाइनो पायथन है, जिसे हर वक्त हसन की गर्दन के गिर्द लिपटे देखा जा सकता है... अमेरिका से सांपों को आयात करने के बाद भाइयों ने ब्रीडिंग (जन्म दिलवाना) शुरू की, और अब इनके पास 100 से भी ज़्यादा सांप हो गए हैं... इनके पास पायथन के बच्चे भी हैं, जिनकी लंबाई फिलहाल एक फुट के आसपास है, लेकिन वयस्क होने पर ये पांच से छह फुट तक लंबे हो जाएंगे...

हसन ने जानकारी दी, "पायथनों को संसर्ग के बाद अंडे देने में तीन से चार महीने का वक्त लगता है, और फिर अंडों से बच्चे निकलने में भी 60 दिन लगते हैं... अगर मादा गर्भवती हो जाती है, तो वह खाना कम कर देती है, और केंचुली ज़्यादा छोड़ने लगती है... अंडों के साथ-साथ केंचुली का उतरना स्वाभाविक प्रक्रिया है..."

बतख, मुर्गी या खरगोश खाते हैं नन्हे सांप
ये नन्हे सांप हफ्ते में एक बार बतख या मुर्गी या एक खरगोश खाते हैं, और हसन के अनुसार एक छोटे पायथन के लिए यह पर्याप्त से भी ज़्यादा होता है... दोनों भाई इन सांपों के रखरखाव पर हर महीने 1,500 पाउन्ड (लगभग 1,50,747 भारतीय रुपये - आज की कीमत के अनुसार) से भी ज़्यादा खर्च करते हैं...

'कुत्ते का काटना पायथन के काटने से ज़्यादा खतरनाक'
कुछ छोटे-छोटे सांपों ने हसन पर हमला भी किया है, लेकिन वह पीछे नहीं हटता, और डरता नहीं, क्योंकि वह इन्हें परिवार का हिस्सा मानता है... हसन का मानना है कि पायथन के काटने से उतना खतरा नहीं होता, जितना कुत्ते के काटने से होता है, और उसका दावा है कि इसमें तकलीफ भी कम होती है...

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

दोनों भाइयों ने अब उत्तरी नज़ीमाबाद में एक एनजीओ ज़ू (चिड़ियाघर) - द वाइल्डलाइफ एक्सपीरिएन्स सेंटर - भी बना डाला है... हसन ने कहा, "अब कई यूनिवर्सिटी हमारे पास आ रही हैं... वे चाहते हैं कि हम आकर उनके विद्यार्थियों को सांपों के बारे में बताएं... सांपों को लेकर बहुत-सी गलतफहमियां हैं... सो, हम उन्हें सुरक्षित रखने और उनके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अपनी तरफ से कोशिश कर रहे हैं..."