यह ख़बर 25 सितंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

17 साल बाद मिले बिछड़े जुड़वा भाई...!

खास बातें

  • अब तक ऐसी कहानियां फिल्मों में ही देखी और सुनी जाती थीं लेकिन कश्मीर में दो जुड़वा भाई डेढ़ दशक बाद मिले हैं।
श्रीनगर:

अब तक ऐसी कहानियां फिल्मों में ही देखी और सुनी जाती थीं लेकिन कश्मीर में दो जुड़वा भाई डेढ़ दशक बाद मिले हैं। इनमे से एक बच्चे सरमद को अस्पताल की एक नर्स ने उसके पैदा होने के बाद ही एक ऐसे दम्पत्ति को महज 10,000 में बेच दिया था जो नि:संतान था। सरमद दो अगस्त, 1994 को अपने माता-पिता से अलग हुआ था। सरमद का 17 वर्ष का यह दुखदायी सफर दिल को छू लेने वाला है। सरमद ने बताया, "मेरी मां ने अस्पताल में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था और प्रसव के दौरान उनकी सहायता करने वाली नर्स ने मुझे एक पुत्र विहीन दम्पत्ति को 10,000 रुपये में बेच दिया।" सरमद ने कहा, "मेरी मां ने कहा था कि उसने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। अस्पताल के एक चिकित्सक ने अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखने के बाद इसकी पुष्टि की थी। रिपोर्ट में इस बात का साफ तौर पर उल्लेख किया गया था कि मेरी मां जुड़वा बच्चों को जन्म देने जा रही थी। लेकिन उनकी सहायता में लगी नर्स ने उन्हें कहा कि उन्होंने केवल एक बच्चे को जना है।" इस वर्ष कक्षा 10 की परीक्षा में शामिल होने जा रहे सरमद को उसके असली माता-पिता मिल गए हैं। सरमद को खरीदने वाले माता-पिता ग्रीष्मकालीन राजधानी के श्रीनगर के पुराने शहर में रहते हैं। सरमद का कहना है कि वर्ष 1994 में वास्तविक जन्मस्थान और जन्मतिथि को छुपाते हुए उक्त दम्पत्ति ने उसकी जन्मतिथि 25 अक्टूबर 1995 दर्ज कराई थी। सरमद ने बताया कि बाद में उन दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया और उसे खरीदने वाली महिला अपने पति का घर छोड़कर अपने माता-पिता के घर चली गई। सरमद वहीं पला-बढ़ा। जब तक उसे खरीदने वाली महिला के पिता जीवित रहे सरमद के दिन अच्छे गुजरे। वर्ष 2004 में वह चल बसे तो उक्त महिला को वापस अपने पति के पास लौटना पड़ा। लेकिन उसका पति सरमद को स्वीकार करने को तैयार न था। सरमद ने कहा, "मुझे खरीदने वाले शख्स ने मुझसे कहा, जाओ और अपने असली माता-पिता को खोजो। उनके ऐसा कहने से मुझे जोर का झटका लगा।" सरमद ने कहा, "इसके बाद उसने लगभग तीन दिन बिना कुछ खाए-पीए एक मस्जिद में गुजारे। बाद में उसी दम्पत्ति के एक रिश्तेदार ने मुझे मेरे असली माता-पिता का नाम बताया और यह भी बताया कि वे कहां रहते हैं। मैं उस रिश्तेदार का नाम नहीं उजागर करना चाहता है क्योंकि वह मेरे लिए किसी देवदूत के समान ही है।" सरमद ने बताया, "मैं वहां गया और मेरी असली मां ने मुझे एक सेकेंड में ही पहचान लिया।" सरमद इसके बाद अपने जुड़वा भाई से मिला। वह बिल्कुल मेरे जैसा ही दिखता था। उसके अलावा दो और भाई भी थे। सरमद की 42 वर्षीय मां अमीना ने कहा कि उन्हें इस बात का भरोसा नहीं था कि उनका खोया हुआ बेटा उन्हें वापस मिलेगा। अमीना ने कहा, "मुझे किसी तरह के डीएनए टेस्ट कराने की आवश्यकता नहीं है। वह मेरे लिए पैदा हुआ है और यह जानती हूं कि वह मेरा बेटा ही है।" सरमद के पिता लतीफ मोहम्मद का कहना है कि कानूनी अड़चनों को ध्यान में रखते हुए वह अपने और पत्नी के डीएनए का मिलान सरमद के डीएनए से कराएंगे। लतीफ कहते हैं, "मैं नहीं चाहता कि सरमद को भविष्य में और किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़े। वह पहले ही काफी कुछ सह चुका है।" उधर, अस्पताल के चिकित्सकों ने इस बारे में किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।


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