यह ख़बर 06 नवंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

हरियाणा की दो बहनों ने क्यों लिए सात की जगह नौ फेरे

जींद:

हिन्दू समाज में विवाह के समय सात फेरे लेने का चलन प्राचीन काल से ही चला आ रहा है, लेकिन आप कैसा महसूस करेंगे, अगर आपको सुनने को मिले कि दो हिन्दू लड़कियों ने अपनी शादी की रस्मों में दो फेरे जुड़वाए, और अपने-अपने पति से वचन लिए कि वे कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ काम करेंगे तथा पर्यावरण का ध्यान रखेंगे।

दरअसल, जींद जिले की दो बहनों दामिनी और चंचल की इस अनूठी शादी का आइडिया उनके पिता जगदीप सिंह के दिमाग में आया था, और ऐसा उन्होंने अपने गृहजिले के लड़कियों के लिहाज़ से बेहद दयनीय लिंगानुपात की वजह से सोचा। वैसे तो, पूरा राज्य ही लिंगानुपात के मामले में काफी खराब स्थिति में है, लेकिन जींद में तो इस साल मई में हुए लोकसभा चुनाव तथा हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी इसी वजह से हार भी गए थे, क्योंकि वे ऐसी कोई व्यवस्था नहीं कर पाए कि इलाके के युवाओं के लिए उपयुक्त वधुएं मिल सकें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान से बेहद प्रभावित हुए स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ता जगदीप सिंह ने बेटियों की शादी में सिर्फ दो फेरे ही नहीं जुड़वाए, बल्कि पर्यावरण का ध्यान रखते हुए अपनी बेटियों को अनूठा उपहार भी दिया है। उन्होंने बताया, "मैंने दोनों बेटियों को 12-12 पौधे भी उपहार में दिए, ताकि एक नए आंदोलन की शुरुआत हो सके..."

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इस मौके पर दामिनी का कहना था, "हम आशा करते हैं कि इससे सही संदेश लोगों तक पहुंचेगा... मुझे सचमुच अपने पिता का आइडिया बहुत अच्छा लगा..."