India | मंगलवार जून 17, 2014 09:56 PM IST संवैधानिक और लोकतांत्रिक संस्थाओं के संदर्भ में ऐसी घटनाएं होती रहनी चाहिए, जिससे हम उसकी विकास यात्रा, भूमिका, गरिमा और स्वतंत्रता को लेकर गंभीर हो सके और लगे कि लोकतंत्र में वोटर होना ही एकमात्र नागरिक दायित्व नहीं है।