Election | मंगलवार दिसम्बर 16, 2014 08:30 PM IST लेकिन अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर पार्टी लोकसभा चुनाव के नतीजों के सदमे से कब उबरेगी, और कब अपने कार्यकर्ताओं-नेताओं के साथ एक सशक्त विकल्प की भूमिका निभाएगी, या वह झारखंड विधानसभा चुनाव की तरह ही कुछ और राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी हाथ पर हाथ धरे बैठी रहेगी।