Blogs | गिरीन्द्रनाथ झा |शुक्रवार दिसम्बर 2, 2016 08:12 PM IST ऐसा कम ही होता है जब माँ अपने बेटे से यह पूछे कि 'कैसे हो?' मां तो अक्सर यही पूछती है 'ख़ुश हो न! कोई दिक़्क़त नहीं है न?' लेकिन इस बार जब मुल्क में सब पैसे के लिए लाइन में लगे हैं, ठीक उस वक़्त जब तुम्हारी दिक़्क़तों को लेकर सबने चुप्पी साध ली है, तब लगा कि मां अपने बेटे का हालचाल ले, अपनी संतान को हिम्मत दे. तो इसलिए मैंने सोचा कि आज तुमसे लंबी बातें करूं.