'Homosexuality in india'

- 11 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • World | Reported by: एएफपी, Edited by: वर्तिका |सोमवार अगस्त 22, 2022 12:03 PM IST
    साल 2020 में प्रकाशित इंटरनेशनलल लेस्बियन, गे, बाइसेक्शुअल, ट्रांस और इंटरसेक्स एसोसिएशन (ILGA) की एक रिपोर्ट के मुताबिक होमोसेक्शुएलिटी 69 देशों में प्रतिबंधित थी जिनमें से 11 में इसकी सजा मौत है.  
  • India | Reported by: भाषा |सोमवार दिसम्बर 20, 2021 02:27 AM IST
    सुप्रियो ने कहा कि उनकी शादी ने सभी को मजबूत संदेश दिया है कि खुश रहने के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है. समलैंगिक पुरुषों को तेलंगाना का पहला समलैंगिक जोड़ा माना जा रहा है.
  • India | Reported by: भाषा, Edited by: मानस मिश्रा |सोमवार मार्च 2, 2020 01:10 PM IST
    एक ऐप के जरिए समलैंगिक लोगों से संपर्क करके उनकी अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने वाले एक गैंग के पांच लोगों को थाना फेस-3 पुलिस ने आज मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया है.
  • India | भाषा |रविवार सितम्बर 9, 2018 05:51 PM IST
    भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के तहत समलैंगिक यौन संबंध को लेकर दर्ज मामलों की संख्या के लिहाज से उत्तर प्रदेश सबसे आगे है और उसके बाद केरल का स्थान है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते इस कानून को आंशिक रूप से निरस्त कर दिया था.
  • India | Reported by: अखिलेश शर्मा, Edited by: नवनीत मिश्र |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 03:38 PM IST
    आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जारी बयान में कहा है- समलैंगिक विवाह और संबंध प्रकृति से सुसंगत एवं नैसर्गिक नहीं है, इसलिए हम इस प्रकार के संबंधों का समर्थन नहीं करते.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 12:56 PM IST
    समलैंगिकता अपराध है या नहीं, ( Homosexuality) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद अब यह स्पष्ट हो चुका है. समलैंगिकता को अवैध बताने वाली IPC की धारा 377 की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया और कहा कि समलैंगिक संबंध अब से अपराध नहीं हैं. संविधान पीठ ने सहमति से दो वयस्कों के बीच बने समलैंगिक यौन संबंध को एक मत से अपराध के दायरे से बाहर कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के एक हिस्से को, जो सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध बताता है, तर्कहीन, बचाव नहीं करने वाला और मनमाना करार दिया. 
  • India | Written by: नवनीत मिश्र |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 01:08 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस मार्कंडेज काटजू इस बात से सहमत हैं कि समलैंगिक संबंधों को अपराध नहीं माना जाना चाहिए. मगर उन्होंने फैसले को लेकर सवाल भी खडे़ किए हैं. उन्होंने धारा 377 पर आए फैसले को देश की प्रमुख समस्याओं से ध्यान भटकाने वाला करार दिया है. 
  • Blogs | विराग गुप्ता |सोमवार जनवरी 8, 2018 10:03 PM IST
    समलैंगिकता को कानूनी मान्यता दिये जाने के लिए दायर दो साल पुरानी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की बेंच ने प्राइवेसी पर फैसले में जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस नरीमन और जस्टिस कौल ने संविधान के अनुच्छेद 21 में दिये गये जीवन के अधिकार के तहत समलैंगिकता समेत अनेक अधिकारों की चर्चा की थी. प्राइवेसी के कानूनी हक के बाद सुप्रीम कोर्ट को आधार पर फैसला देना है और संसद को डेटा सुरक्षा पर कानून बनाना बाकी है और अब समलैंगिकता का मामला भी नए तरीके से सुनवाई के लिए आ गया है.
  • File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |सोमवार जनवरी 8, 2018 06:48 PM IST
    समलैंगिकता एवं अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध बताने वाली धारा-377 पर सुप्रीम कोर्ट फिर से विचार करेगा. कोर्ट ने मामले को बड़ी बेंच को रेफर कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नाज फाउंडेशन मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2013 के फैसले पर फिर से विचार करने की जरूरत है क्योंकि हमे लगता है कि इसमें संवैधानिक मुद्दे जुड़े हुए हैं. दो वयस्कों के बीच शारीरिक संबंध क्या अपराध हैं, इस पर बहस जरूरी है. अपनी इच्छा से किसी को चुनने वालों को भय के माहौल में नहीं रहना चाहिए. कोई भी इच्छा को कानून के चारों तरफ नहीं रह सकता लेकिन सभी को अनुच्छेद 21 के तहत जीने के अधिकार के तहत कानून के दायरे में रहने का अधिकार है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट जानवरों के साथ संबंध बनाने के मामले की सुनवाई नहीं करेगा जो कि इसी धारा के तहत अपराध माना गया है.
  • Sexual Health | अनिता शर्मा |शुक्रवार सितम्बर 7, 2018 11:58 AM IST
    समलैंगिकता (heterosexuality) एक तरह की बीमारी या यौन विकृति नहीं है. समलैंगिकता भी तीन अहम सेक्शुअल ओरिएंटेशन में से एक है.
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