Blogs | रविवार मई 10, 2015 12:00 AM IST दलीलों से गुनाह कम नहीं हो जाता सलमान भाई। उन दलीलों को सुनिए, जो आपके भीतर इस वक्त मचल रही होंगी। अगर सच्चे मन से लौटकर आएंगे तो मैं फिर से उस नए सलमान के लिए टिकट खिड़की पर खड़ा मिलूंगा, जैसे मैं 1989 में मिला था।