Blogs | रेवती लाल |बुधवार नवम्बर 30, 2016 05:02 PM IST ...और इसी के साथ मैं वहीं पहुंच गई हूं, जहां से मैंने यह आलेख लिखना शुरू किया था... सवाल यह है कि हमारी अदालतें किसकी रक्षा करती हैं...? जनता की, या दोषी करार दिए जा चुके अपराधियों की...? आपको इनके जवाब चाहिए...? जजों से जाकर सवाल कीजिए...