Literature | Reported by: शहादत |रविवार अप्रैल 26, 2020 07:19 AM IST आज की हिंदी नई और आत्मविश्वास से भरी हुई दिखाई देती है. पहले अधिकतर लेखक हिंदी विभागों से निकलते थे, आज अलग-अलग पृष्ठभूमियों के लेखक बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं. मुझे यह अधिक उत्साहवर्धक दिखता है कि आज हिंदी किताबों को पढ़ना शर्म की बात नहीं समझी जाती, हिंदी के लेखकों को बहुत जल्दी पहचान मिल जाती है. समाज के अलग अलग तबकों में हिंदी लेखकों को लेकर आकर्षण बढ़ गया है. यह देखकर अच्छा तो लगता ही है. लेकिन एक बात है कि अधिकतर लेखक आज बाज़ार को ध्यान में रखकर लिख रहे हैं, बिक्री के मानकों पर खरा उतरने के लिए लिख रहे हैं.