Blogs | रवीश कुमार |शुक्रवार मार्च 9, 2018 10:09 PM IST एक सवाल आप ख़ुद से कीजिए. 24 साल की उम्र में भगत सिंह नाम का नौजवान फांसी पर चढ़ गया. क्या इसलिए कि 2018 के साल में उसके हिन्दुस्तान में लाखों की संख्या में बैंकर और उनमें भी महिला बैंकर ख़ुद को कहें कि वे ग़ुलाम हैं. वे झूठ की बुनियाद पर खड़े आंकड़ों का संसार कब तक बचाए रखेंगे, कभी न कभी यह आंकड़ों की छत उन्हीं के सर पर गिरने वाली है. गिर रही है.