'Written by ravish kumar'

- 12 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Blogs | Written by: Ravish Kumar |बुधवार दिसम्बर 23, 2015 01:24 PM IST
    क्या सज़ा मिलने से इंसाफ़ मिल जाता है? सज़ा का मकसद क्या सिर्फ पीड़ित को इंसाफ़ दिलाना होता है या अपराधी के लिए भी कुछ मकसद होता है?
  • Blogs | Written by: Ravish Kumar |बुधवार दिसम्बर 23, 2015 01:25 PM IST
    मानहानि गणित में पढ़ाया जाने वाला लाभ हानि का चैप्टर नहीं है। मानहानि बड़े लोगों का मानवाधिकार है। लाभ हानि भी उन्हीं की होती है, मानहानि भी उन्हीं की होती है। महंगी न्यायिक व्यवस्था में ग़रीब की जानहानि हो सकती है, धन हानि हो सकती है मगर मानहानि नहीं होती।
  • Blogs | Written by: Ravish Kumar |बुधवार दिसम्बर 23, 2015 01:51 PM IST
    सब धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं तो क्या इसलिए कि सारी कवायद सिर्फ तस्वीर के लिए है। किसी बड़ी उम्मीद से पाकिस्तान से बातचीत की पहल क्यों नहीं की जाए। क्या सभी बेबी स्टेप का इंतज़ार कर रहे हैं।
  • Blogs | Written by: Ravish Kumar |बुधवार दिसम्बर 23, 2015 02:29 PM IST
    भीड़ ने हां कहा या ना कहा इसका कांग्रेसी विश्लेषण अलग है और भाजपाई विश्लेषण अलग। कांग्रेस को लगता है कि लोगों ने हां भी कहा और ना भी, बीजेपी को लगता है कि लोगों ने हां कहकर राहुल गांधी के मोदी विरोधी अभियान को पंचर कर दिया है।
  • Blogs | शुक्रवार नवम्बर 20, 2015 11:51 AM IST
    जेम्स बॉन्ड को मुश्किल हो गई है। भारत के पर्दे में वो सारे काम तो कर सकता है मगर एक काम करने की उसे पूरी इजाज़त नहीं है। मुझे लगा कि बॉन्ड दुखी है इसलिए मैंने बॉन्ड को एक लेटर लिखा है। एक फिल्म आ रही है 'स्पेक्टर'।
  • Blogs | सोमवार नवम्बर 16, 2015 09:27 PM IST
    कई दर्शकों ने इस बात की ओर इशारा किया है कि फ्रांस पर हमले के बाद वहां की मीडिया का कवरेज देखिए। घटनास्थल की खून से सनी तस्वीरें नहीं दिखाई गईं। एक भी शव का वीडियो नहीं दिखा। न एंकर चिल्ला रहा था न रिपोर्टर उछल कूद कर रहा था।
  • Chunaavi Blogs | शनिवार नवम्बर 7, 2015 08:24 PM IST
    आप क्या चाहते हैं, क्या होता दिख रहा है, देखने वाला कौन है और क्या होगा इन चार बातों की कसौटी पर किसी भी चुनावी भविष्यवाणी को परखा जाना चाहिए। बिहार की भविष्यवाणी को लेकर लोग दो खेमों में बंट गए हैं।
  • Blogs | गुरुवार अक्टूबर 29, 2015 11:28 AM IST
    “हम आपको बहुत पसंद करते हैं। मैं सर, अमुक दंगे का आरोपी हूं। जेल गया था। मुझे लगा कि कुछ गलत सुना तो दोबारा पूछ लिया...."
  • Blogs | गुरुवार अक्टूबर 22, 2015 04:29 PM IST
    पटना का मध्यमवर्गीय और कुलीन तबका जंगलराज से डरा हुआ है। यह डर कई तबके में स्वाभाविक तौर पर भी है। लेकिन यही डर ग़रीब तबके में क्यों नहीं है।
  • Chunaavi Blogs | सोमवार सितम्बर 21, 2015 05:56 PM IST
    बिहार अपने आप से हारता जा रहा है। चुनाव में दो में से कोई एक गठबंधन तो जीत जाएगा लेकिन इस चुनाव में बिहार की हार तय होने जा रही है। इतना उद्देश्यहीन और हल्का चुनाव कभी नहीं देखा। हर तरफ़ अनैतिक गठबंधन हैं।
और पढ़ें »
 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com