World | Edited by: आलोक कुमार ठाकुर |रविवार अक्टूबर 8, 2023 11:20 PM IST इजरायली नागरिक ने अपनी कहानी शेयर करते हुए लिखा, "मेरी बहन अमित, जो केवल 22 वर्ष की थी, किबुतज़ बारी में एक पैरामेडिक थी. वह वहां पैरामेडिक्स को प्रशिक्षित करने में लगी हुई थी. उसने घायलों और मृतकों के साथ क्लिनिक में 6 घंटे इंतजार किया. फिर 6 घंटे तक वह चाकू लेकर रसोई में छुपी रही और अपने बगल में युद्ध, विस्फोट और गोलीबारी सुनती रही.