Blogs | मंगलवार जून 30, 2015 09:13 PM IST मैं खुश हूं कि न मैं श्रुति सेठ की तरह फेमस एक्ट्रेस हूँ, न ही कविता कृष्णन की तरह एक एक्टिविस्ट की है, अगर होती तो शायद मैं भी कहीँ न कहीं इस सदमे में जीती कि मेरे आधार कार्ड, पासपोर्ट और मतदान पहचान पत्र में राष्ट्रीयता का जो कॉलम मैंने भरा है वो मेरी सच्ची पहचान है भी या नहीं।