India | Reported by: आशीष कुमार भार्गव |सोमवार फ़रवरी 21, 2022 05:02 PM IST मेहता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में संवैधानिक चुनौतियों के साथ साथ सामाजिक और पारिवारिक जीवन पर पड़ने वाले असर का भी अध्ययन करना जरूरी है. जब किसी कानून को चुनौती दी जाती है तो अमूमन केंद्र सरकार अपना रुख साफ करती है जो आपत्ति के बिंदुओं और कानूनी प्रावधानों की व्याख्या पर आधारित होता है लेकिन कानून, समाज, परिवार और संविधान से संबंधित इस पेचीदा मामले में हमें राज्य सरकारों के विचार जानना जरूरी होगा.