India | Reported by: अजय सिंह |बुधवार अगस्त 26, 2020 07:24 AM IST वरिष्ठ पत्रकार हिमांशु शर्मा के अनुसार राजा नाम उनके परिवार ने खुद नहीं रखा है, बल्कि जनता ने उनके परिवार को ये नाम दिया है. डोम राजा का परिवार धीरे-धीरे काफी बड़ा होता गया और इस वक़्त करीब 100-150 लोगों का परिवार है जो न सिर्फ काशी बल्कि जौनपुर, बलिया, गाजीपुर के अलावा अन्य जगहों पर रहते हैं और दाह संस्कार कराते है. दो घाट पर सभी डोम की बारी लगती है और कभी दस दिन या बीस दिन में बारी आती है. बाकी दिन बेगारी.