'बाबरी विवाद'

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  • Blogs | मनोरंजन भारती |गुरुवार नवम्बर 11, 2021 05:45 PM IST
    सलमान खुर्शीद की नई किताब 'सनराईज ओवर अयोध्या' (Sunrise Over Ayodhya-Nationhood In Our Time) पर विवाद हो गया है. यह किताब बाबरी मस्जिद-राम जन्म भूमि विवाद, उस पर हुई मुकदमेबाजी और अंत में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, इन सब चीजों की विस्तार से चर्चा करती है.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव |शुक्रवार अप्रैल 23, 2021 06:56 PM IST
    रामजन्मभूमि- बाबरी मस्जिद विवाद में जस्टिस बोबडे (Justice SA Bobde) पांच जजों की बेंच का हिस्सा थे. बेंच ने 9 नवंबर 2018 को फैसला सुनाया था. इसके बाद वो सीजेआई रंजन गोगोई के रिटायर होने पर देश के मुख्य न्यायाधीश बने.
  • India | Reported by: ANI, Translated by: तूलिका कुशवाहा |सोमवार अगस्त 3, 2020 03:16 PM IST
    पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने से पहले होने वाले भूमि पूजन समारोह के लिए सबसे पहला न्योता बहुत ही खास व्यक्ति को भेजा गया है. अयोध्या भूमि विवाद में बाबरी मस्जिद के पक्षकारों में से एक रहे इक़बाल अंसारी को समारोह में शामिल होने के लिए पहला निमंत्रण पत्र भेजा गया है.
  • India | Reported by: सुनील कुमार सिंह, Edited by: सूर्यकांत पाठक |गुरुवार फ़रवरी 20, 2020 08:08 PM IST
    राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने नया शिगूफा छोड़ दिया है. उन्होंने कहा है कि अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) के लिए ट्रस्ट बनाया जा सकता है तो मस्जिद के लिए क्यों नहीं? बीजेपी (BJP) ने इस बयान को लेकर शरद पवार पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाया है. शिवसेना के साथ मिलकर महाराष्ट्र में बीजेपी को पटखनी देने वाले एनसीपी नेता शरद पवार ने अब उत्तरप्रदेश की राह पकड़ ली है. उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी को घेरने की कोशिश की है. इसके साथ ही उन्होंने बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के लिए ट्रस्ट क्यों नहीं? कहकर नए विवाद को हवा दे दी है.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |गुरुवार दिसम्बर 12, 2019 07:09 PM IST
    Ayodhya Case: अयोध्या (Ayodhya) के राम जन्मभूमि - बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के खिलाफ दाखिल की गईं सभी पुनर्विचार याचिकाएं गुरुवार को सुनवाई के बाद खारिज कर दी गईं. सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या जमीन विवाद मामले में नौ नवंबर को अपना फैसला सुनाया था. अदालत ने विवादित जमीन रामलला को यानी राम मंदिर बनाने के लिए देने का फैसला किया था. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की विशेष पीठ के 9 नवम्बर के फैसले पर पुनर्विचार के लिए कुल 18 याचिकाएं दाखिल की गई थीं. इनमें 9 याचिकाएं पक्षकारों की ओर से और बाकी नौ अन्य याचिकाकर्ताओं की थीं.
  • India | एनडीटीवी |गुरुवार दिसम्बर 12, 2019 10:21 PM IST
    अयोध्या (Ayodhya) के राम जन्मभूमि - बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के खिलाफ दाखिल की गईं सभी पुनर्विचार याचिकाएं गुरुवार को खारिज कर दी गईं.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार दिसम्बर 11, 2019 05:55 PM IST
    राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ निर्मोही अखाड़े ने भी रिव्यू पिटीशन दाखिल कर दी है. अयोध्या मामले में निर्मोही अखाड़ा भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. अखाड़े ने फैसले के मुताबिक ट्रस्ट में उसका स्थान अब तक केंद्र सरकार द्वारा स्पष्ट न किए जाने का मुद्दा उठाया है.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |शुक्रवार दिसम्बर 6, 2019 05:43 PM IST
    अयोध्या (Ayodhya) के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चार पुनर्विचार याचिकाएं (Review petitions) दायर की गई हैं. याचिकाओं में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सन 1992 में मस्जिद ढहाए जाने को मंजूरी देने जैसा है. अवैध रूप से रखी गई मूर्ति के पक्ष में फैसला सुनाया गया. अवैध हरकत करने वालों को ज़मीन दी गई. याचिकाओं में कहा गया है कि हिंदुओं का कभी वहां पूरा कब्ज़ा नहीं था. मुसलमानों को पांच एकड़ जमीन देने का फैसला पूरा इंसाफ नहीं कहा जा सकता. सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वह अपने नौ नवंबर के फैसले पर रोक लगाए. मामले पर दोबारा विचार करे.
  • India | Reported by: कमाल खान, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार नवम्बर 20, 2019 08:31 PM IST
    अयोध्या (Ayodhya) के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका (Review Petition) फाइल करने के मुद्दे पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में दरार पैदा हो गई है. आम मुसलमानों के अलावा बोर्ड के तमाम मेंबर निजी तौर पर इसके खिलाफ हैं. बोर्ड के मेंबर और बड़े धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने मांग की है कि बोर्ड के अध्यक्ष अपना वीटो पावर इस्तेमाल करके रिव्यू पिटीशन फाइल होने से रोकें, क्योंकि बोर्ड ने ही ऐलान किया था कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा वो मानेगा. मौलाना कल्बे जव्वाद देश के बड़े शिया मौलाना हैं. वे अयोध्या के मुक़दमे में मस्जिद की तरफ से गवाह भी रहे हैं. उनका कहना है कि पर्सनल लॉ बोर्ड का रिजोल्यूशन था कि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला बोर्ड मानेगा. इसलिए अब फ़ैसले के खिलाफ रिव्यू दाखिल करना वादाखिलाफी है.
  • India | Edited by: आरिफ खान मंसूरी |सोमवार नवम्बर 18, 2019 10:02 AM IST
    जस्टिस बोबड़े अयोध्या रामजन्मभूमि- बाबरी मस्जिद जमीनी विवाद मामले में फैसला देने वाले पांच जजों के संविधान पीठ में शामिल रहे हैं.
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