Bihar | Reported by: मनीष कुमार, Written by: मानस मिश्रा |सोमवार सितम्बर 2, 2019 07:54 PM IST साल 2015 में बिहार में जिस नारे के दम पर नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव जीता था इस बार उसमें थोड़ा सा बदलाव किया गया है. पिछली बार नारा था, 'बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है' इस नारे को गढ़ने में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का दिमाग़ था. लेकिन जो नया बदलाव किया गया है इसमें प्रशांत किशोर का कोई हाथ नहीं है. लेकिन साल 2020 में होने वाले चुनाव को लेकर जो नारा गढ़ा गया है वह है, 'क्यूं करें विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार'. अब देखने वाली बात यह होगी कि बदली परिस्थितियों में नारे कितना काम करते हैं. लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बन चुके नीतीश कुमार ने पिछला चुनाव आरजेडी+जेडीयू+कांग्रेस को मिलाकर महागठबंधन के बैनर तले लड़ा था. जिसमें इन तीन पार्टियों का वोटबैंक बीजेपी पर भारी पड़ गया था. नीतीश कुमार इससे पहले एनडीए में थे लेकिन नरेंद्र मोदी को पीएम पद का चेहरा बनाए जाने पर वह नाराज हो गए और बीजेपी से नाता तोड़ लिया.