'भाजपा की साख'

- 16 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: भाषा |बुधवार मार्च 2, 2022 07:00 PM IST
    तीन मार्च को गोरखपुर सहित 10 जिलों की 57 सीटों पर और सात मार्च को वाराणसी सहित नौ जिलों की 54 सीटों पर मतदान होना है. इन दोनों चरणों में पीएम मोदी और सीएम योगी से जुड़े क्षेत्रों में मतदान होना है, ऐसे में इनका महत्व बढ़ जाता है.
  • Blogs | स्वाति चतुर्वेदी |गुरुवार अक्टूबर 17, 2019 12:31 PM IST
    चूंकि क्रिकेट समूचे देश में जुनून की तरह छाया रहता है, सो, सौरव गांगुली और उनकी टीम पर बेहद बारीक नज़र रखी जाएगी, और अगर सौरव BCCI में प्रभावी और साफ-सुथरा प्रशासन दे पाते हैं, तो उनकी साख बहुत बढ़ेगी. BCCI ने हमेशा से पारदर्शिता को रोकने की कोशिश की है, सो, गांगुली का आकलन इसी आधार पर होगा कि वह स्थिति बदल पाती है या नहीं.
  • Lok Sabha Elections 2019 | ख़बर न्यूज़ डेस्क |सोमवार मार्च 11, 2019 08:35 AM IST
    इस बार देश के सबसे बड़े सूबे में भाजपा की साख दांव पर होगी. तो वहीं, सपा-बसपा गठबंधन के लिये भी यह चुनाव लिटमस टेस्ट की तरह होगा. चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में सात चरणों में लोकसभा चुनाव होगा.
  • Uttar Pradesh | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार मई 31, 2018 02:45 PM IST
    भाजपा सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद खाली हुई कैराना लोकसभा  सीट पर हुये उपचुनाव में आरएलडी की तबस्सुम हसन ने जीत दर्ज कर ली है. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी मृगांका सिंह को हरा दिया है. पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र गोरखपुर और फूलपुर में हार के बाद भाजपा की काफी किरकिरी हुई थी. ऐसे में पार्टी कैराना में अपनी साख बचाने के लिए पूरा दमखम लगा रही थी. लेकिन संयुक्त विपक्ष की ताकत बीजेपी पर भारी पड़ गई.
  • File Facts | Written by: प्रभात उपाध्याय |सोमवार मई 28, 2018 11:50 AM IST
    भाजपा सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद खाली हुई कैराना लोकसभा सीट पर आज चुनाव हो रहा है. भाजपा की तरफ से मृगांका सिंह मैदान में हैं. तो वहीं विपक्ष ने साझा उम्मीदवार के रूप में तबस्सुम हसन को मैदान में उतारा है.कैराना का चुनाव आर-पार की लड़ाई जैसा हो गया है. पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र गोरखपुर और फूलपुर में हार के बाद भाजपा की काफी किरकिरी हुई थी. ऐसे में पार्टी कैराना में अपनी साख बचाने के लिए पूरा दमखम लगा रही है.भाजपा की चुनौती इसलिये और बढ़ गई है क्योंकि कैराना में सपा, बसपा, आरएलडी, कांग्रेस जैसे विपक्षी दल एक साथ ताल ठोंक रहे हैं. गोरखपुर और फूलपुर में विपक्षी एकता की जीत के बाद कहा जा रहा था कि भाजपा की रणनीति कहीं न कहीं नाकामयाब हुई है. हालांकि अब भाजपा का दावा है कि कैराना में विपक्षी एकता को ध्यान में पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है.पार्टी का दावा है कि हर हाल में जीत उसे ही मिलेगी. बहरहाल, ये तो मतगणना के बाद ही तय होगा कि कैराना का 'याराना' किस दल के उम्मीदवार के साथ है, लेकिन आइये आपको बताते हैं भाजपा के लिए क्यों महत्वपूर्ण है कैराना.
  • India | Written by: शंकर पंडित |मंगलवार दिसम्बर 26, 2017 07:44 PM IST
    गुजरात में विजय रूपाणी ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली और इस जीत के साथ ही बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल भी जीत लिया. बीजेपी की गुजरात जीत ने पीएम मोदी की साख में बट्टा लगने से बचा लिया. मंगलवार को जब गुजरात में दूसरी बार विजय रूपाणी की ताजपोशी हुई तो मंच का नजारा भविष्य में होने वाले चुनावों का आईना दिखा रहा था. यानी कि बीजेपी ने एक तीर से दो निशाना लगाते हुए शपथ ग्रहण में ही लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपना शक्ति प्रदर्शन किया.
  • Gujarat Assembly Polls 2017 | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार दिसम्बर 14, 2017 01:07 AM IST
    भाजपा और कांग्रेस के लिए साख का विषय बन चुका गुजरात विधानसभा चुनाव आखिरी दौर में है. ताबड़तोड़ रैलियों और चुनावी अभियान के बाद गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण का मतदान आज यानी गुरुवार को होगा.इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पीएम मोदी ने अपनी-अपनी पार्टियों के पक्ष में वोटर को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी. राज्य में सतारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेताओं के 49 दिन तक जबरदस्त प्रचार किया. कांग्रेस के लिए यह चुनाव 22 साल के सत्ता को उखाड़ फेंकने का मौका है तो भाजपा के लिए पीएम मोदी की साख बचाने का.
  • Bihar | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार अगस्त 25, 2017 03:54 PM IST
    27 अगस्त को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होने वाली 'भाजपा भगाओ, देश बचाओ' रैली को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की साख से जोड़कर देखा जा रहा है.
  • Assembly polls 2017 | Reported by: इंडो-एशियन न्यूज़ सर्विस |शनिवार मार्च 4, 2017 01:56 PM IST
    उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की लड़ाई अब अपने अंतिम मोड़ तक पहुंच गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की साख कैसे बचे, इस जददोजहद में भाजपा का पूरा केंद्रीय नेतृत्व जुटा हुआ है. बावजूद इसके भाजपा प्रत्याशियों को विरोधियों के साथ ही अपनों की भी चुनौती मिल रही है, जिससे कई सीटों पर लड़ाई रोचक होती नजर आ रही है. 
  • Assembly polls 2017 | Reported by: ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार मार्च 1, 2017 09:44 PM IST
    उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के अंतिम दो चरणों में एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अच्छे दिनों की परख होगी, वहीं पूर्वाचल में मोदी मंत्रिमंडल के कई मंत्रियों और सांसदों की साख भी दांव पर होगी. पूर्वाचल में यदि भाजपा को अच्छे परिणाम नहीं मिले तो चुनाव बाद इन मंत्रियों का कद घटना तय है.
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