India | Edited by: आरिफ खान मंसूरी |मंगलवार मार्च 10, 2020 09:39 PM IST ज्योतिरादित्य सिधिया ने कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया है. उनके मंगलवार को बीजेपी में शामिल होने के क़यास लगाए जा रहे थे. लेकिन बाद में ख़बर आई कि सिंधिया आज बीजेपी ज्वाइन नहीं कर रहे हैं. 12 मार्च को वो बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. इन सबके बीच कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल हैं क्योंकि सरकार के साथ रहे 21 विधायकों ने इस्तीफ़ा दे दिया है. माना जा रहा है कि इनमें ज़्यादातर ज्योतिरादित्य सिंधिया के क़रीबी हैं. दिल्ली से भोपाल तक बैठकों का भी दौर है. दिल्ली में बीजेपी चुनाव समिति की बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा शामिल हुए. चुनाव समिति की बैठक ख़त्म हो चुकी है. होली के दिन बगावत की शुरुआत सुबह साढ़े 10 बजे के आसपास हुई जब वो अमित शाह के साथ प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिये गए. दोनों अमित शाह की गाड़ी में साथ दिखे. सिंधिया ने अपने इस्तीफ़े को जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि वो कांग्रेस में रहकर अपने प्रदेश और देश की सेवा नहीं कर सकते हैं. कुछ देर बाद ही कांग्रेस की प्रमुख सोनिया गांधी ने सिंधिया को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निकाल दिया. सारा विवाद मध्य प्रदेश की राज्यसभा सीट को लेकर बढ़ा. कांग्रेस की एक सीट पर तो जीत एकदम पक्की है लेकिन दूसरी के लिए उसे बाहर के 2 विधायकों की ज़रूरत थी. कहा जा रहा है कि सिंधिया वो सीट चाहते थे जो एकदम पक्की है और जिसे दिग्विजय सिंह के लिये रखा गया है.