'मोदी सरकार की चुनौतियां'

- 29 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Short News | Written by: विवेक रस्तोगी |बुधवार अक्टूबर 19, 2022 02:29 PM IST
    1885 में स्थापित देश की सबसे पुरानी राजनैतिक पार्टी कांग्रेस को बुधवार को लगभग 24 साल बाद मल्लिकार्जुन खड़गे के रूप में पहला गैर-गांधी अध्यक्ष मिल गया है, और उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी सांसद शशि थरूर को भारी अंतर से पराजित किया. लेकिन उनकी राह कतई आसान नहीं रहेगी, क्योंकि पार्टी पिछले कुछ सालों में अधिकतर चुनाव हारी है, बहुत-से वरिष्ठ नेता भी पार्टी छोड़कर चले गए हैं, गाहे-बगाहे विद्रोह के सुर भी सुनाई देते रहे हैं, और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से लड़ने के लिए विपक्षी दल भी गठबंधन में कांग्रेस को शामिल करने के नाम पर जवाब देने से बचते रहे हैं. सो आइए, देखते हैं, कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने पांच सबसे बड़ी चुनौतियां कौन-सी होंगी.
  • Budget 2022 | Edited by: तूलिका कुशवाहा |मंगलवार फ़रवरी 1, 2022 10:12 AM IST
    Budget 2022: देश के लिए आज मंगलवार यानी 1 फरवरी, 2022 का दिन काफी खास है. आज केंद्र सरकार देश का आम बजट पेश कर रही है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह चौथा (2019 के जुलाई में पेश किए गए पूरक बजट से लेकर 2020, 2021 और फिर ये 2022 का) आम बजट है. वहीं, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण बतौर वित्त मंत्री अपना चौथा बजट पेश कर रही हैं. कोविड-19 महामारी के शुरू होने के दो सालों के बाद भी घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के सामने अब भी इससे पूरी तरह उबरने की चुनौती है. इस बजट से भी अपेक्षाएं हैं कि ये अर्थव्यस्था को पूरी तरह स्थिर करने के लिए प्रोत्साहन देने वाला होगा, साथ ही आर्थिक वृद्धि को भी समर्थन देगा. सरकार के सामने महामारी से प्रभावित सेक्टरों को समर्थन जारी रखने और रोजगार पैदा करने के अवसर पैदा करने की चुनौतियां होंगी. 
  • Blogs | प्रियदर्शन |शुक्रवार नवम्बर 19, 2021 08:33 PM IST
    शायद अब सरकार को यह समझना होगा कि मनमाने फ़ैसले नहीं चलेंगे. तीनों कृषि क़ानून बिना किसी चर्चा के लाए गए थे और उन्हें वापस भी बिना किसी चर्चा के किया गया. यानी मेज़ पर बातचीत अटकी रही, मंत्री और प्रधानमंत्री बताते रहे कि किसान जहां चाहें आकर बातचीत कर लें, और एक दिन उन्होंने चुपचाप कानूनों की वापसी का एलान कर दिया.  
  • India | Written by: मानस मिश्रा |मंगलवार मई 26, 2020 10:52 AM IST
    26 मई 2014 को पीएम नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में 'मोदी लहर' के दम पर बीजेपी पहली बार केंद्र की सत्ता में अपने दम पर सरकार बनाई थी. देश के राजनीतिक इतिहास में महत्वपूर्ण घटना थी क्योंकि पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के निधन के बाद कांग्रेस ने राजीव गांधी की अगुवाई में प्रचंड बहुत से सरकार बनाई थी लेकिन फिर बाद में 30 दशकों तक गठबंधन की राजनीति का दौर शुरू हो गया. साझेदारी की राजनीति ने देश का भला कम नुकसान ज्यादा किया, ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि ऐसे कई उदाहरण रहे हैं जहां सिद्धांत कम, व्यक्तिगत स्वार्थ महत्वाकांक्षाओं ने कई सरकारों को बनया और बिगाड़ा.    
  • India | Edited by: राहुल सिंह |शुक्रवार जनवरी 17, 2020 12:52 PM IST
    संसद का बजट सत्र (Budget Session) 31 जनवरी से शुरू हो रहा है. बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक और दूसरा चरण दो मार्च से तीन अप्रैल तक चलेगा. बजट सत्र के बीच में करीब एक महीने का अवकाश रखा जाता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को बजट (Union Budget 2020) पेश करेंगी. नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला पूर्णकालिक बजट होगा. गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अर्थशास्त्रियों और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र से जुड़े एक्सपर्ट्स के साथ मीटिंग करेंगे. इस बैठक का मकसद मौजूदा समय में अर्थव्यवस्था की मंदी पर चर्चा और इससे उबरने के लिए जरूरी उपाय होगा. यह बैठक प्री-बजट चर्चा का हिस्सा है. दिल्ली स्थित नीति आयोग के दफ्तर में यह मीटिंग रखी गई है.
  • India | Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: सूर्यकांत पाठक |सोमवार सितम्बर 30, 2019 10:39 PM IST
    अर्थव्यवस्था में सुस्ती से जूझ रही मोदी सरकार के सामने चुनौतियां कई मोर्चों पर हैं. सरकार का राजस्व घट रहा है. जीएसटी से उम्मीद के मुताबिक पैसा नहीं जुट रहा है. ऊपर से तमाम योजनाओं को अमली जामा पहनाना है और साथ में वित्तीय घाटे को भी सीमा के अंदर रखना है. ऐसे में अब कई बड़ी कंपनियों में विनिवेश की तैयारी हैं. सरकार पब्लिक सेक्टर कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर एक लाख पांच हजार करोड़ रुपये उगाहने की कोशिश में है. अब तक साढ़े बारह हजार करोड़ ही वो विनिवेश से जमा कर पाई है. लेकिन सरकार की इन आर्थिक नीतियों का विरोध तेज होने लगा है. बीस करोड़ से ज़्यादा कामगारों की नुमाइंदगी करने वाले 10 बड़े मजदूर संगठनों ने ऐलान किया है कि वे सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ आठ जनवरी को देश व्यापी हड़ताल करेंगे.
  • India | Reported by: Haribans Sharma, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार सितम्बर 4, 2019 09:47 PM IST
    झारखंड राज्य के गठन के 19 साल बाद इसे अपना नया विधानसभा भवन मिलने जा रहा है. 12 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड के नए विधानसभा भवन का उद्घाटन करेंगे. राज्य में 14 वर्ष तक राजनीतिक अस्थिरता रहने के कारण झारखंड को अपना नया विधानसभा भवन नहीं मिल पाया था. नए विधानसभा भवन के निर्माण को लेकर बाधाएं और चुनौतियां थीं. परंतु वर्तमान सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाते हुए सारी बाधाओं और चुनौतियों को स्वीकार कर राज्य की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा के निर्माण का रास्ता साफ किया और अब झारखंड का नया विधानसभा भवन बनकर तैयार है.
  • India | Reported by: NDTV.com, Translated by: Samarjeet Singh |शनिवार अगस्त 24, 2019 12:09 PM IST
    इस मौके पर अमित शाह ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि काम करते हुए आपके सामने कई तरह की चुनौतियां आएंगी. इन चुनौतियों को लेकर आपके दिमाग संदेह भी हो सकता है. हो सकता है कि कई बार आपको ऐसे आदेश मिले जो संविधान के अनुरूप न हों लेकिन मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि ऐसे आदेश के बाद भी आप संविधान के तहत ही काम करें. 
  • Blogs | विराग गुप्ता |बुधवार अगस्त 14, 2019 01:53 PM IST
    संविधान में अनुच्छेद 370 का प्रावधान भी अल्पकालिक था, जिसे ख़त्म करने में 70 वर्ष लग गए, तो अब UT से पूर्ण राज्य का दर्ज़ा कब और कैसे मिलेगा...? राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार शांति बहाली के बाद पूर्ण राज्य के दर्जे की वापसी हो सकती है, परंतु मणिशंकर अय्यर और वाइको जैसे नेता कश्मीर घाटी में फिलस्तीन जैसी अराजक स्थिति और अलगाव का अंदेशा जताने से बाज़ नहीं आ रहे. नए केंद्रशासित प्रदेशों का जन्म 31 अक्टूबर (सरदार पटेल की जयंती) को होगा, लेकिन उससे पहले नए कानून पर सरकार को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती का सामना करना पड़ेगा.
  • Blogs | रवीश कुमार |शुक्रवार जुलाई 5, 2019 01:31 AM IST
    अर्थव्यवस्था की हालत क्या है. जो ख़बरें बिजनेस अखबारों में छप रही हैं उन्हें देखकर लगता है कि चुनौतियां गंभीर होती जा रही हैं. लगातार 9 महीने से ऑटोमोबिल कंपनियों में उत्पादन ठप्प है. लघु एवं मझोले उद्योग का विकास रुक गया है. इनके लिए लोन की कमी हो गई है. जिन संस्थाओं से लोन मिलता है, उनकी हालत खराब है. एकर आरटीआई के अनुसार वित्त वर्ष 2019 में दूसरी तरफ मुदा लोन का एनपीए 126 प्रतिशत बढ़ा है. बैंकों की अपनी पूंजी लड़खड़ा रही है. वो सरकार की मदद पर निर्भर है.
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