India | सोमवार दिसम्बर 15, 2014 02:21 PM IST हां, यह सही है कि पचास साल से भी ज़्यादा की योजनाओं के बावजूद सुधार की बहुत गुजाइंश है, लेकिन योजना आयोग को भंग करना और योजनागत विकास के रास्ते को बंद करना, उन लोगों के साथ धोखा है, जो उम्मीद करते हैं कि सरकार का फैसला, कारपोरेट फैसलों से भिन्न होता है।