Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार अगस्त 20, 2020 03:07 PM IST बिहार की जवानी प्रतिभा से भरी है और बेड़ियों से जकड़ी है. अत: युवाओं के बड़े तबके से कोई उम्मीद रखना पानी पर आग तापने जैसा होगा. इनकी सीमित आंकाक्षाओं से किसी भी राजनीतिक दल को ख़ुश होना चाहिए. बस लगन के टाईम में इन्हें कोई परेशान न करे. दहेज के सामानों का निर्बाध आवागमन रहे. आज जनमानस में सांप्रदायिकता सहज वृत्ति है. इसे बदलने का कोई भी प्रयास न करे. जातिवाद तो नैसर्गिक है. ऐसे हालात में अगर बिहार सरकार युवाओं की बात न भी मानें तो उसे कोई ख़तरा नहीं है. मेरा तर्क है कि इसी आधार पर इनकी बात सुनी जाए। बिना शर्त निष्ठा का इतना लाभ तो मिले.