India | Reported by: भाषा |रविवार जुलाई 24, 2016 05:25 PM IST एपीजे अब्दुल कलाम ने वर्ष 2012 में अपने विरुद्ध संख्याबल होने के बावजूद राष्ट्रपति चुनाव में उतरा जाए या नहीं, इस पर काफी वक्त तक विचार किया था क्योंकि वह जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार से लड़ना चाहते थे और उन्होंने अपने फैसले को सही ठहराने के लिए दो विरोधाभासी भाषण तैयार किए थे। उनके एक सहयोगी ने यह खुलासा किया है।