India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार जुलाई 17, 2019 08:04 PM IST सरबजीत पर लाहौर और फैसलाबाद में बम विस्फोट करने का आरोप लगाया गया और इस आरोप में पाकिस्तान की स्थानीय अदालत ने उन्हें 1991 में मौत की सजा सुना दी. इसके बाद ऊंची अदालतों में उनकी सजा को बरकरार रखा गया. यहां तक कि पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने भी उनकी सजा बरकरार रखी.उनको अपना जुर्म कबूल करने के लिए यातनाएं दी गईं जबकि बम विस्फोट के संबंध में उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं था.