प्रकाशित: नवम्बर 22, 2014 09:00 PM IST | अवधि: 21:36
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घाटी में सैलाब के असर से उबरते लोगों के सामने अब चुनाव हैं, लेकिन उनके मुताबिक चुनने को कुछ नहीं। घाटी के कश्मीरी पंडितों को बीजेपी अपने साथ मान रही है, लेकिन हक़ीक़त यह है कि वे भी बंटे हुए हैं।