बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा पर आम सहमति पर पहुंच पाने में केंद्र और राज्य सरकारें नाकाम रहीं जबकि किशोर की परिभाषा को 18 की उम्र से कमकर 16 वर्ष करने पर उनमें सहमति दिखी।
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