नैरोबी के एक मॉल में आतंकी हमले में कुछ भारतीय भी मारे गए हैं। इस हमले ने मुंबई हमले की याद ताजा कर दी। क्या आंतकवाद की साये में जीने की आदत डाल लेनी चाहिए?
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