शीला दीक्षित ने कहा, सजा ऐसी होनी चाहिए कि अपराधियों के मन में डर बैठे, मेरी राय में तो दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह पीड़ित से मिलने की हिम्मत नहीं जुटा सकीं।
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